काला चश्मा पहन कर पीएम मोदी से मिलने के मुद्दे पर IAS अमित को छत्तीसगढ़ सरकार ने लगायी थी फटकार, ऐसे में उन्हें दिल्ली बुलाकर पीएम मोदी ने…
आईएस अमित कटारिया को भला कौन ही भूल पाया होगा. बस्तर के कलेक्टर अमित कटारिया जब से काला चश्मा लगाकर पीएम मोदी की अगुवाई के लिए पहुंचे थे उसी समय से सुर्ख़ियों में बन गए थे. पीएम मोदी उस वक़्त छत्तीसगढ़ के दौरे पर थे जब उनकी अगवानी के लिए अमित कटारिया काले चश्मे में पहुँच गए थे. सिर्फ यही नहीं अमित कटारिया अपने इस काले चश्मे के अलावा अपनी इमानदारी और तुनकमिजाजी के लिए भी जाने जाते हैं. जो लोग आईएस अमित कटारिया को करीब से जानते हैं वो ये बताते हैं कि अमित एक साफ़ छवि के दबंग आईएस हैं
जहाँ भी परेशानी में आईएस अमित को भेजा गया वहां उन्होंने अपना फ़र्ज़ निभाया
कहा जाता है अपने इसी दबंग छवि के चलते ही सरकार को जिस भी जगह भेजा गया वहां उन्होंने अपनी निष्ठा से काम करते हुए सभी परेशानियों को दूर किया. ऐसा माना जाता है कि अमित कटारिया जहाँ भी कलेक्टर रहे वहां का प्रशासन हमेशा ही चुस्त-दुरुस्त बना रहा. शायद यही वजह है कि सरकार को जिस भी राज्य में परेशानी होते नज़र आई उन्होंने वहां अमित कटारिया को भेजा और अमित कटारिया ने सरकार को वहां-वहां मुसीबत से निकाला भी.
काम में लापरवाही नहीं बर्दाश्त करते हैं अमित कटारिया
दबंग छवि वाले आईएस अमित कटारिया को अपने काम में थोड़ी सी भी लापरवाही नहीं पसंद हैं. काम में लापरवाही दिखी तो फिर अमित किसी की नहीं सुनते. सामने नेता हो या अधिकारी उसे आड़े हाथ ले लेते हैं. छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के कलेक्टर आईएस अमित कटारिया के बारे में एक बात बहुत चर्चित है और वो ये कि उनको उनके अच्छे काम के लिए जानने और मानने वाले लोगों की संख्या बहुत ही ज्यादा है. कहा जाता है अमित कटारिया जितनी भी जगह काम कर चुके हैं वहां के लोग उन्हें आज भी याद करते हैं.
काले चश्मे की सुर्ख़ियों के बाद एक बार फिर पीएम मोदी ने बुलाया अमित कटारिया को दिल्ली और..
बता दें इस तरह से काले चश्मे में पीएम मोदी की अगुवाई करने पहुंचे अमित कटारिया को उस वक़्त काफी विवादों का सामना करना पड़ा था. हालाँकि अब इन सब बातों से परे अमित कटारिया को पीएम मोदी ने दिल्ली बुलाया है और उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है. जिम्मेदारी मिलने के बाद अब अमित जल्द ही दिल्ली के लिए उड़ान भरने वले हैं और इसकी जानकारी उन्होंने ख़ुद अपने फेसबुक पोस्ट के द्वारा जनता को दी है.
हालांकि वो किसी दूसरे के स्थान पर कार्यभार संभालने दिल्ली जाने की तैयारी में लगे हुए थे. जोकि अब पूरी भी हो चुकी है. कुछ समय पहले ही उन्हें सर्वशिक्षा अभियान के कार्यभार से मुक्त कर के मंत्रालय भेजा गया था. अमित कटारिया का करीब महीने भर पहले ही तबादला किया गया था. अब उनको दिल्ली से कभी भी बुलावा आ सकता है. इसी वजह से मंत्रालय में पदस्थ होने के बावजूद उन्हें कोई विभाग नहीं दिया गया.
ऐसे में ये कहना कतई भी गलत नहीं होगा कि अमित कटारिया के काम से प्रभावित होकर पीएम मोदी ने उन्हें ये कार्यभार संभालने को दिया है. अमित कटारिया के बारे में कहा जाता है कि वो शायद पहले ऐसे अफसर हैं जो दरभा घाटी और झीरम घाटी जैसी जगहों में जाकर ग्रामीणों की समस्या को सुनते और उसपर विमर्श भी करते हैं.
आपको बता दें कि झीरम घाटी वही इलाका है, जहां नक्सलियों ने 33 कांग्रेसियों को मार दिया था लेकिन इस खतरनाक जगह पर भी अमित कटारिया घबराये नहीं. वो जबसे जगदलपुर पोस्ट किये गए हैं उनकी ये कोशिश रही है कि वो ख़ुद नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जाकर जन शिविर में खुद शामिल हो रहे हैं और ग्रामीणों की समस्या सुन रहे हैं l
आईएस अमित कटारिया को भला कौन ही भूल पाया होगा. बस्तर के कलेक्टर अमित कटारिया जब से काला चश्मा लगाकर पीएम मोदी की अगुवाई के लिए पहुंचे थे उसी समय से सुर्ख़ियों में बन गए थे. पीएम मोदी उस वक़्त छत्तीसगढ़ के दौरे पर थे जब उनकी अगवानी के लिए अमित कटारिया काले चश्मे में पहुँच गए थे. सिर्फ यही नहीं अमित कटारिया अपने इस काले चश्मे के अलावा अपनी इमानदारी और तुनकमिजाजी के लिए भी जाने जाते हैं. जो लोग आईएस अमित कटारिया को करीब से जानते हैं वो ये बताते हैं कि अमित एक साफ़ छवि के दबंग आईएस हैं
जहाँ भी परेशानी में आईएस अमित को भेजा गया वहां उन्होंने अपना फ़र्ज़ निभाया
कहा जाता है अपने इसी दबंग छवि के चलते ही सरकार को जिस भी जगह भेजा गया वहां उन्होंने अपनी निष्ठा से काम करते हुए सभी परेशानियों को दूर किया. ऐसा माना जाता है कि अमित कटारिया जहाँ भी कलेक्टर रहे वहां का प्रशासन हमेशा ही चुस्त-दुरुस्त बना रहा. शायद यही वजह है कि सरकार को जिस भी राज्य में परेशानी होते नज़र आई उन्होंने वहां अमित कटारिया को भेजा और अमित कटारिया ने सरकार को वहां-वहां मुसीबत से निकाला भी.
काम में लापरवाही नहीं बर्दाश्त करते हैं अमित कटारिया
दबंग छवि वाले आईएस अमित कटारिया को अपने काम में थोड़ी सी भी लापरवाही नहीं पसंद हैं. काम में लापरवाही दिखी तो फिर अमित किसी की नहीं सुनते. सामने नेता हो या अधिकारी उसे आड़े हाथ ले लेते हैं. छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के कलेक्टर आईएस अमित कटारिया के बारे में एक बात बहुत चर्चित है और वो ये कि उनको उनके अच्छे काम के लिए जानने और मानने वाले लोगों की संख्या बहुत ही ज्यादा है. कहा जाता है अमित कटारिया जितनी भी जगह काम कर चुके हैं वहां के लोग उन्हें आज भी याद करते हैं.
काले चश्मे की सुर्ख़ियों के बाद एक बार फिर पीएम मोदी ने बुलाया अमित कटारिया को दिल्ली और..
बता दें इस तरह से काले चश्मे में पीएम मोदी की अगुवाई करने पहुंचे अमित कटारिया को उस वक़्त काफी विवादों का सामना करना पड़ा था. हालाँकि अब इन सब बातों से परे अमित कटारिया को पीएम मोदी ने दिल्ली बुलाया है और उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है. जिम्मेदारी मिलने के बाद अब अमित जल्द ही दिल्ली के लिए उड़ान भरने वले हैं और इसकी जानकारी उन्होंने ख़ुद अपने फेसबुक पोस्ट के द्वारा जनता को दी है.
हालांकि वो किसी दूसरे के स्थान पर कार्यभार संभालने दिल्ली जाने की तैयारी में लगे हुए थे. जोकि अब पूरी भी हो चुकी है. कुछ समय पहले ही उन्हें सर्वशिक्षा अभियान के कार्यभार से मुक्त कर के मंत्रालय भेजा गया था. अमित कटारिया का करीब महीने भर पहले ही तबादला किया गया था. अब उनको दिल्ली से कभी भी बुलावा आ सकता है. इसी वजह से मंत्रालय में पदस्थ होने के बावजूद उन्हें कोई विभाग नहीं दिया गया.
ऐसे में ये कहना कतई भी गलत नहीं होगा कि अमित कटारिया के काम से प्रभावित होकर पीएम मोदी ने उन्हें ये कार्यभार संभालने को दिया है. अमित कटारिया के बारे में कहा जाता है कि वो शायद पहले ऐसे अफसर हैं जो दरभा घाटी और झीरम घाटी जैसी जगहों में जाकर ग्रामीणों की समस्या को सुनते और उसपर विमर्श भी करते हैं.
आपको बता दें कि झीरम घाटी वही इलाका है, जहां नक्सलियों ने 33 कांग्रेसियों को मार दिया था लेकिन इस खतरनाक जगह पर भी अमित कटारिया घबराये नहीं. वो जबसे जगदलपुर पोस्ट किये गए हैं उनकी ये कोशिश रही है कि वो ख़ुद नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जाकर जन शिविर में खुद शामिल हो रहे हैं और ग्रामीणों की समस्या सुन रहे हैं l
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