ये मासूम बच्ची दिल्ली घूमने आई थी लेकिन जैसे ही उसने बापू की समाधि पर गलत होते देखा तो उसने पीएम मोदी को इस के बारे में जानकारी देनी चाही लेकिन…
भारत के बारे में एक बात बहुत फेमस है कि यहाँ विदेशियों का बेवकूफ बनाया जाता है और यह बात शत प्रतिशत सच भी है. बेशक भारत में किसी भी विदेशी महमान का आदर – सम्मान बड़े ही तरीके से किया जाता है. आज भी कई जगह ऐसी हैं जहां महमान को भगवान समझा जाता है लेकिन विदेशियों से पैसा लूटने की परंपरा भारत में सबसे पुरानी है और इसी के चलते हाल ही में कुछ ऐसा हुआ है जिसकी वजह से पीएम मोदी ने बापू की समाधि पर तैनात पूरा स्टाफ ही बदल गया
13 साल की बच्ची गयी दिल्ली घूमने…
दरअसल हाल ही में एक बहुत ही मजेदार मामला सामने आया है जिसे पढ़ने के बाद आपको एक बच्ची पर गर्व होगा. कुछ दिनों पहले एक 13 साल की बच्ची हाशिमा अपने परिवार के साथ दिल्ली घूमने गयी थीं. दिल्ली में उसने कुछ ऐसा देखा जिसके बारे में वो पूरे रस्ते में सोचती रही और फिर आने के बाद पीएम मोदी से शिकायत की.
महात्मा गाँधी की समाधि पर हो रहा था घपला…
हाशिमा दिल्ली में महात्मा गाँधी की समाधि वाली जगह भी गयी और वहां उसने कुछ ऐसा देखा कि घर आते ही हाशिमा ने उस बात की शिकायत पीएम मोदी से की. दरअसल महात्मा गाँधी की समाधि पर दो काउंटर हैं जहां जूते जमा किये जाते हैं. इन दोनों काउंटर में से एक काउंटर फ्री है और दूरे का चार्ज 1 रूपये है
इस बीच में हाशिमा ने कुछ ऐसा देखा जिसे देखकर उसको यकीन नहीं हुआ और पूरे रस्ते वो उसी बारे में सोचती रही. दरअसल वहां मौजूद कर्मी विदेशी सैलानियों से 100 रूपये ले रहे थे और वहीं भारतियों से 1 रुपया. हाशिमा को एक सच्ची भारतीय होने के नाते ये बात खल गयी और पूरे रस्ते वो इसी बात को सोचती रही.
घर आकर पीएम मोदी को लिख पत्र
घर आकर हाशिमा ने इस बात को लेकर पीएम मोदी को एक पत्र लिखा और इस मुद्दे को लेकर कुछ करने के लिए कहा. इस सबमें ख़ास बात यह रही कि 13 साल की हाशिमा ने पत्र पर पीएम मोदी का एड्रेस सिर्फ उनका नाम और नई दिल्ली लिखा. हाशिमा को बिलकुल उम्मीद नहीं थी उनके इस पत्र को इतनी जल्दी प्रतिक्रिया मिलेगी.
पत्र मिलने पर पीएम मोदी ने तुंरत एक्शन लेते हुए महत्मा गाँधी राजघाट पर पूरा स्टाफ बदला और वहां CCTV कैमरे भी लगावाये जा रहे हैं. आपको बता दें हाशिमा के इस कारनामे की तारीफ उसके पिता ने भी की है और पीएम मोदी को उनके इस कदम के लिए शुक्रिया कहा है
खेत में गिरे बिजली के खम्बे से किसान को परेशानी हो रही थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिसके बाद उन्होंने लिखा पीएम मोदी को ट्वीट
भारत में आज के समय में किसी भी नागरिक को कोई भी छोटी-बड़ी समस्या होती है तो वो तुरंत सम्बंधित विभाग को खबर पहुंचा कर तुरंत ही अपनी समस्या से छुटकारा पा जाता है| आप रेलवे में सफ़र कर रहे हैं और कोई दिक्कत है तो तुरंत सुरेश प्रभु को खबर दीजिये और समस्या का हल आपके सामने होगा, ठीक उसी तरह देश और दुनिया में कहीं फंसे हैं और कोई हल नहीं दिख रहा तो सुषमा स्वराज से मदद मांग कर तुरंत ही उसका समाधान मिल सकता है|
लेकिन क्या हर बार ऐसा होता है कि आप अपनी समस्या ले कर जायें और आपकी समस्या का हल निकल जाये? आज हम आपके लिए एक ऐसी कहानी ले कर आये हैं जिसे जानकर आपको भी यकीन करना मुश्किल सा लगेगा| कहानी है एक परेशान किसान की| कोप्पल के एक गांव के एक किसान विजय कुमार यातनल्ली को परेशानी थी कि उनके खेत में बिजली का खंबा गिर गया था जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशनी हो रही थी|
खेत में इस तरह से खंबा गिरा होने की वजह से हो रही परेशानियों के चलते किसान ने सम्बंधित अधिकारी तक अपनी शिकायत तो पहुंचाई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई| खबर के मुताबिक विजय कुमार के खेत में बिजली का खंभा खड़ा था, जो बारिश के कारण झुक गया था। इस वजह से खेत में हल चलाने और सिंचाई करने में परेशानी होती थी। ऐसे में किसान ने सीधे पीएम से इस बारे में बात करनी ठीक समझी|
अपनी समस्या बताते हुए किसान ने अपनी तस्वीर और ख़त पीएम मोदी को ट्वीट किया| इससे पहले भी किसान ने कई बार खंभा हटाने के लिए गुलबर्ग इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी(GESCOM) से गुजारिश की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। परेशान किसान ने आखिरकार बुधवार को पीएम मोदी को ट्वीट कर दिया। पीएम को ट्वीट किए जाने के बाद GESCOM हरकत में आया और 24 घंटे के भीतर खंभे को खेत से हटा दिया गया। गुरुवार को उनके खेत से खंभे को हटा दिया गया।
यहाँ सबसे ज्यादा गौर और हैरानी करने वाली बात ये है कि ये विजय कुमार का पहला ट्वीट था जिसपर पीएम मोदी ने खुद कोई ट्वीट तो नहीं किया लेकिन पीएम मोदी ने उनकी समस्या पलक झपकते ही सुलझा दी| हालाँकि खंबा हटवाना शायद लोगों को बड़ी बात ना लगे लेकिन जहाँ एक तरफ दूसरी पार्टियों के नेता, किसान के दुःख नज़रंदाज़ कर ननिहाल का लुफ्त उठाने निकल जाते हैं वहीँ पीएम मोदी महज़ एक ट्वीट से काम कर भी देते हैं और लोगों को शायद कानोंकान खबर भी नही लगती| वाकई इस तरह के काम मनमोहन सरकार में होने की तो उम्मीद नहीं ही थी|
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