पीएम मोदी की वार्निंग के बाद, कई चार्टर्ड एकाउंटेंट में मच गया हडकंप ! कुछ एकाउंटेंट तो भाग…
पीएम मोदी का भ्रष्टाचार पर एक और प्रहार
पीएम मोदी ने देश की आर्थिक व्यवस्था को सुधारने के लिए कई कठोर कदम उठाए है | मोदी ने देश के विकास के लिए कई तरह की योजनाओं को भी लागू किया है | देश में कालेधन को लेकर नोटबंदी जैसे बड़े फैसले भी लिए है | मोदी सरकार ने अपनी विकास की नीति को आगे बढ़ाने के लिए अब चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को लेकर कड़ी चेतावनी दी है | पीएम मोदी ने 1 जुलाई को इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के फाउंडेशन डे के मौके पर मोदी ने चेतावनी दी | चार्टर्ड अकाउंटेंट्स कंपनीज एक्ट2013 के तहत प्रस्तावित रेग्युलेटर का विरोध कर रहे हैं |
मोदी सरकार के इस नियम से नहीं बच पाएंगे भ्रष्ट चार्टर्ड अकाउंटेंट्स
मोदी सरकार की नई नीति से इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया को लगता है कि नया रेग्युलेटर इसके अधिकारों का अतिक्रमण करेगा, लेकिन सच्चाई यह है कि इसके बाद नए नेशनल फाइनैशल रिपोर्टिंग अथॉरिटी के पास जांच और सजा का अधिकार होगा | मोदी ने 1 जुलाई को इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के फाउंडेशन डे के मौके पर इस बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि नया रेग्युलेटर जल्द ही हमारे सामने आएगा और इससे भ्रष्ट चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पर कठोर कार्रवाई की जायेगी | मोदी ने इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के अनुशासनात्मक रिकॉर्ड को देखते हुए कहा कि दस साल में केवल 25 ऑडिटर्स के खिलाफ कार्रवाई हुई और साथ ही 1400 केस पेंडिंग हैं |
इस नए नियम से NFRA नहीं कर पाएगा अपनी मनमानी
इस नए रेग्युलेटर से पीएम मोदी की कालेधन और भ्रष्टाचार को लेकर बनी चिंताएं काफी हद तक दूर हो जायेंगी | इस नए नियम से लेखा मानकों के अनुपालन कराने और नियमों को तोड़ने वालों को सजा का अधिकार होगा | इस नए नियम के लागू होने के बाद हो सकता है कि इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की भूमिका चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की परीक्षा कराने तक सीमित रह जाए |
सरकार के पास सुझाव देने के अलावा अकाउंटिंग और ऑडिटिंग नीतियों और मानकों के पास भ्रष्ट अकाउंटेंट्स पर केस भी दर्ज करने का अधिकार होगा | इसी के साथ अब NFRA चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट 1949 के तहत रजिस्टर्ड प्रोफेशनल्स द्वारा अनियमितता करने पर खुद संज्ञान ले सकता है या केंद्र सरकार के कहने पर इसकी तहकीकात करेगा | अब इसके पास सिविल कोर्ट जैसा अधिकार होगा |
मोदी सरकार के इस नए नियम से लग सकता है 6 महीने से लेकर 10 साल तक का बैन
इसी के साथ अगर जाँच में किसी तरह की कोई अनियमितता सामने आती है तो NFRA उस व्यक्ति विशेष पर कम से कम 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगा सकता है, जिसे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स द्वारा ली गई फीस का 5 गुना तक बढ़ाया भी जा सकता है | इस नियम के साथ फर्म के किसी केस में कम से कम जुर्माना 10 लाख रुपए तक होगा जिसे ली गई फीस के 10 गुना तक बढ़ाया जा सकता है | इस नियम में उस फर्म या CA को 6 महीने से लेकर 10 साल तक के लिए बैन भी किया जा सकता है | इस तरह से मोदी सरकार ने कालेधन और भ्रष्टचार पर प्रहार करते हुए कठोर नियम बनाया है |
पीएम मोदी का भ्रष्टाचार पर एक और प्रहार
पीएम मोदी ने देश की आर्थिक व्यवस्था को सुधारने के लिए कई कठोर कदम उठाए है | मोदी ने देश के विकास के लिए कई तरह की योजनाओं को भी लागू किया है | देश में कालेधन को लेकर नोटबंदी जैसे बड़े फैसले भी लिए है | मोदी सरकार ने अपनी विकास की नीति को आगे बढ़ाने के लिए अब चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को लेकर कड़ी चेतावनी दी है | पीएम मोदी ने 1 जुलाई को इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के फाउंडेशन डे के मौके पर मोदी ने चेतावनी दी | चार्टर्ड अकाउंटेंट्स कंपनीज एक्ट2013 के तहत प्रस्तावित रेग्युलेटर का विरोध कर रहे हैं |
मोदी सरकार के इस नियम से नहीं बच पाएंगे भ्रष्ट चार्टर्ड अकाउंटेंट्स
मोदी सरकार की नई नीति से इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया को लगता है कि नया रेग्युलेटर इसके अधिकारों का अतिक्रमण करेगा, लेकिन सच्चाई यह है कि इसके बाद नए नेशनल फाइनैशल रिपोर्टिंग अथॉरिटी के पास जांच और सजा का अधिकार होगा | मोदी ने 1 जुलाई को इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के फाउंडेशन डे के मौके पर इस बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि नया रेग्युलेटर जल्द ही हमारे सामने आएगा और इससे भ्रष्ट चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पर कठोर कार्रवाई की जायेगी | मोदी ने इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के अनुशासनात्मक रिकॉर्ड को देखते हुए कहा कि दस साल में केवल 25 ऑडिटर्स के खिलाफ कार्रवाई हुई और साथ ही 1400 केस पेंडिंग हैं |
इस नए नियम से NFRA नहीं कर पाएगा अपनी मनमानी
इस नए रेग्युलेटर से पीएम मोदी की कालेधन और भ्रष्टाचार को लेकर बनी चिंताएं काफी हद तक दूर हो जायेंगी | इस नए नियम से लेखा मानकों के अनुपालन कराने और नियमों को तोड़ने वालों को सजा का अधिकार होगा | इस नए नियम के लागू होने के बाद हो सकता है कि इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की भूमिका चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की परीक्षा कराने तक सीमित रह जाए |
सरकार के पास सुझाव देने के अलावा अकाउंटिंग और ऑडिटिंग नीतियों और मानकों के पास भ्रष्ट अकाउंटेंट्स पर केस भी दर्ज करने का अधिकार होगा | इसी के साथ अब NFRA चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट 1949 के तहत रजिस्टर्ड प्रोफेशनल्स द्वारा अनियमितता करने पर खुद संज्ञान ले सकता है या केंद्र सरकार के कहने पर इसकी तहकीकात करेगा | अब इसके पास सिविल कोर्ट जैसा अधिकार होगा |
मोदी सरकार के इस नए नियम से लग सकता है 6 महीने से लेकर 10 साल तक का बैन
इसी के साथ अगर जाँच में किसी तरह की कोई अनियमितता सामने आती है तो NFRA उस व्यक्ति विशेष पर कम से कम 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगा सकता है, जिसे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स द्वारा ली गई फीस का 5 गुना तक बढ़ाया भी जा सकता है | इस नियम के साथ फर्म के किसी केस में कम से कम जुर्माना 10 लाख रुपए तक होगा जिसे ली गई फीस के 10 गुना तक बढ़ाया जा सकता है | इस नियम में उस फर्म या CA को 6 महीने से लेकर 10 साल तक के लिए बैन भी किया जा सकता है | इस तरह से मोदी सरकार ने कालेधन और भ्रष्टचार पर प्रहार करते हुए कठोर नियम बनाया है |
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