महाभारत काल की युद्ध कला से चीन को पस्त करेगा भारत, ये है भारतीय सेना का मास्टर प्लान !
हम सभी ने बचपन से ही महाभारत के बारे में सुना है और उसे टीवी पर देखा भी है, महाभारत में शकुनि मामा ने दुर्योधन के साथ मिलकर पांडवों और उनकी मां को मरने का प्लान बनाया था. दुर्योधन ने जो प्लान बनाया था उसके अनुसार पांडवों को उनकी मां के साथ लाख के बने एक महल में रहने के लिए कहा गया था और मौका देखकर शकुनि मामा ने उस महल में आग लगा दी. बाहर से दुर्योधन और शकुनि मामा को लगा कि अब पांडव और उनकी मां अंदर जलकर मर जाएंगे.
पांडवों और उनकी मां ने महल में मौजूद एक सुरंग का इस्तेमाल किया और वहां से बच निकले, बता दें पुराने जमाने से ही भारत में राजा अपने महलों में सुरंग बनवाते आये हैं जिससे वो आराम से निकल जाते थे. सुरंगों का इस्तेमाल और इनका इतिहास काफी पुराना है और अब भारतीय सेना भी इस तरीके को अपनाने वाली है.
दरअसल भारतीय सेना चीन से सटे बॉर्डर पर सुरंग बनाने का काम कर रही है और यह काम केंद्र सरकार की मदद से हो रहा है. खबरों की मानें तो सुरंग अरुणांचल प्रदेश से लेकर चीन बॉर्डर तक बनाई जायेगी. इस सुरंग की लम्बाई लगभग 7 किलोमीटर बताई जा रही है और इस सुरंग को दो लेन वाला बनाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि सुंरग 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बनाई जा रही है.
इस सुरंग को इस हिसाब से बनाया जाये कि सेना के वाहन भी आसानी से इसके आर-पार जा सकें, आपको बता दें अभी तक जो रास्ता सेना इस्तेमाल करती थी दुश्मन उसको आसानी से दूरबीन की मदद से देख सकते हैं. मानसून के बाद इस सड़क को बनाने का काम शुरू हो जाएगा.
सेना के पास ‘गोला बारूद की कमी’ को लेकर आई रिपोर्ट के अलावा एक ऐसा सच जो जानना बेहद जरुरी है !
डोकलम को लेकर भारत और चीन में विवाद की स्थिति बनी हुई है लेकिन इसी बीच CAG ने सेना के पास गोला बारूद की स्थिति के बारे रिपोर्ट दिखाकर एक तरह से सनसनी मचा दी है. CAG का कहना है कि सेना के पास सिर्फ 10 दिन का ही गोला-बारूद बचा हुआ है और अगर चीन से युद्ध होगा तो सेना महज 10 दिन तक ही मोर्चा ले सकती है. इस रिपोर्ट के बाद हर तरफ इसी के चर्चे होने लगे कि आखिर हम चीन को धमकियाँ भी देते जा रहे हैं और हमारे पास 10 दिन तक का ही बारूद है ! लेकिन आज हम आपको बताते हैं कि भारतीय सेना की स्थिति इतनी भी ख़राब नही है कि हम युद्ध से कमजोर साबित होंगे.
40 फ़ीसदी बारूद तो 10 दिन में ही ख़त्म हो जाएगा
आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नही है कि सेना के पास गोला बारूद की कमी को लेकर कोई रिपोर्ट जारी हुई हो इससे पहले भी जब UPA की सरकार थी तब भी ऐसी रिपोर्ट आई थी लेकिन इस बार रिपोर्ट ऐसे मौके पर आई है जब भारत और चीन के बीच तनाव फैला हुआ है. कैग की इस रिपोर्ट का आधार ‘भारतीय सेना को असलहे की ज़रूरत’ है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि ‘अगर इस हालात में युद्ध छिड़ जाए तो भारतीय सेना का 40 फ़ीसदी बारूद तो 10 दिन में ही ख़त्म हो जाएगा.’
रक्षा विशेषज्ञ मारूफ़ रज़ा के अनुसार
रक्षा विशेषज्ञ मारूफ़ रज़ा बताते हैं कि ‘सेना में गोला-बारूद की जरूरत को लेकर वॉर वेस्टेज रिज़र्व के हिसाब से क़रीब 40 साल पहले एक टेबल बनाया गया था. उस ज़माने में जब युद्ध होते थे तो 10-15 दिन नही बल्कि महीने भर या डेढ़ महीने तक चलते थे और जब युद्ध किसी नतीजे तक नही पहुँचता था तो दुनिया के बाकी देश युद्ध कर रहे दोनों पक्षों को युद्ध विराम घोषित करने का दबाव बनाते थे लेकिन आज जो हालात हैं वो एकदम अलग हैं. आज जैसी हालत है उसके हिसाब अगर आज युद्ध होता है तो महज 7 से 10 दिन में ही दुनियाभर के बाकी देश युद्ध को रोकने के लिए दोनों पक्षों पर युद्ध विराम का दबाव बनाने लगेंगे.अभी जिस तरीके के हालात हैं उस हिसाब से मुमकिन है कि भारत की लड़ाई पाकिस्तान और चीन के साथ हो सकती है. ऐसे में दुनिया के शक्तिशाली देश एशिया के दो बड़े देशों भारत और चीन के युद्ध को लेकर काफ़ी चिंतित होंगे और उनकी कोशिश जंग को बंद करने की होगी.भारत, पाकिस्तान और चीन के पास परमाणु हथियार हैं, दुनिया को परमाणु हथियारों का इस्तेमाल की चिंता होगी और लड़ाई को जल्द ख़त्म करने की कवायद होगी. जिस तरीके से दुनिया के कई देशों समर्थन भारत को मिला रहा है उस लिहाज से माना जा रहा है कि भारत इतना भी कमजोर नही है और हर मुकाबले का जवाब देने में सक्षम है.’
भारत चीन विवाद
भारत और चीन के बीच चल रहे टकराव को लेकर आये दिन चीन धमकी दे रहा है. दोनों देशों कि सेना डोकलाम इलाके पर तैनात हैं. चीनी मीडिया आये दिन भारत के खिलाफ जहर उगल रही है. चीनी मीडिया ने कहा कि चीन को भारत के साथ गतिरोध करने के लिए तैयार रहना चाहिए. इसी के साथ चीनी मीडिया भारत को लगातार धमकी दे कह रहा है कि इसी तरह तनाव रहता है तो भारत और चीन के बीच अन्य सीमाओं पर भी संघर्ष छिड सकता है. चीन कह रहा है, भारत डोकलाम को लेकर सपना देखना छोड़ दे यह सिर्फ भारत का सपना है. चीन के अख़बार ने “ग्लोबल टाइम्स ” ने कहा है कि चीन डोकलाम इलाके से सेना हटाने को कभी तैयार नहीं होगी.
गौरतलब है कि रिपोर्ट के अनुसार भारत के पास इतना भी गोला बारूद नहीं है जो 10 दिन तक दुश्मनों का सामना कर सके. एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार CAG ने भारतीय नौसेना को आड़े लेते हुए कहा कि चार पनडुब्बी रोधी वाहक युद्धक पोत के निर्माण में भी असाधारण विलंब बताया है.
क्या था रिपोर्ट में
21 जुलाई को संसद में सौंपी रिपोर्ट के अनुसार सन 2013 में गोला बारूद सप्लाई करने वाली कम्पनी ऑर्डिनेंस को गोला बारूद की कमी की गुणवत्ता को लेकर ध्यान दिलाया था. उसके बाद भी इस मामले में किसी तरह की प्रगति न हुई. जरुरत के हिसाब से कमी कायम रही है. खराब व रिजेक्ट पड़े गोला बारूद हटाने व रिपेयर करने में भी कोई खास काम नहीं किया जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार गोला बारूद की कमी
रिपोर्ट के अनुसार गोला बारूद मैनेजमेंट को ऑडिट किया गया था जिसमे बताया गया है कि सेना ऑपरेशन अवधि की जरुरत के अनुसार वॉर वेस्टेज को रिजर्व रखा जाता है.रक्षा मंत्रालय ने रिज़र्व वॉर वेस्टेज को 40 दिन की अवधि को मंजूरी दी थी. सन 1999 में आर्मी ने फिर तय किया था कि रिज़र्व वॉर वेस्टेज को कम से कम 20 दिन की अवधि के साथ रिजर्व होना ही चाहिए. जब जाँच की गयी तो पाया गया कि सिर्फ 20 प्रतिशत गोला बारूद ही 40 दिन के मानक के हिसाब से खरे उतर पाये, बल्कि 55 प्रतिशत गोला बारूद 20 दिन के स्तर से भी कम थे. इस तरह हालत बेहद चिंताजनक हैं.
सन् 2008-2013 के बीच 9 सामग्रियों की खरीदारी के लिए पहचान की गयी थी. रिपोर्ट के अनुसार जब देखा गया तो 2014-2016 के बीच इनमें से केवल 5 सामग्रियों पर ही कम हो सका. कमी को देखते हुए सेना मुख्यालय ने उप प्रमुख के वित्तीय अधिकार बढ़ा दिए हैं.भारत को ज्यादातर आपूर्ति ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड की ओर से की जाती है, लेकिन उत्पादन का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता है.
हम सभी ने बचपन से ही महाभारत के बारे में सुना है और उसे टीवी पर देखा भी है, महाभारत में शकुनि मामा ने दुर्योधन के साथ मिलकर पांडवों और उनकी मां को मरने का प्लान बनाया था. दुर्योधन ने जो प्लान बनाया था उसके अनुसार पांडवों को उनकी मां के साथ लाख के बने एक महल में रहने के लिए कहा गया था और मौका देखकर शकुनि मामा ने उस महल में आग लगा दी. बाहर से दुर्योधन और शकुनि मामा को लगा कि अब पांडव और उनकी मां अंदर जलकर मर जाएंगे.
पांडवों और उनकी मां ने महल में मौजूद एक सुरंग का इस्तेमाल किया और वहां से बच निकले, बता दें पुराने जमाने से ही भारत में राजा अपने महलों में सुरंग बनवाते आये हैं जिससे वो आराम से निकल जाते थे. सुरंगों का इस्तेमाल और इनका इतिहास काफी पुराना है और अब भारतीय सेना भी इस तरीके को अपनाने वाली है.
दरअसल भारतीय सेना चीन से सटे बॉर्डर पर सुरंग बनाने का काम कर रही है और यह काम केंद्र सरकार की मदद से हो रहा है. खबरों की मानें तो सुरंग अरुणांचल प्रदेश से लेकर चीन बॉर्डर तक बनाई जायेगी. इस सुरंग की लम्बाई लगभग 7 किलोमीटर बताई जा रही है और इस सुरंग को दो लेन वाला बनाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि सुंरग 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बनाई जा रही है.
इस सुरंग को इस हिसाब से बनाया जाये कि सेना के वाहन भी आसानी से इसके आर-पार जा सकें, आपको बता दें अभी तक जो रास्ता सेना इस्तेमाल करती थी दुश्मन उसको आसानी से दूरबीन की मदद से देख सकते हैं. मानसून के बाद इस सड़क को बनाने का काम शुरू हो जाएगा.
सेना के पास ‘गोला बारूद की कमी’ को लेकर आई रिपोर्ट के अलावा एक ऐसा सच जो जानना बेहद जरुरी है !
डोकलम को लेकर भारत और चीन में विवाद की स्थिति बनी हुई है लेकिन इसी बीच CAG ने सेना के पास गोला बारूद की स्थिति के बारे रिपोर्ट दिखाकर एक तरह से सनसनी मचा दी है. CAG का कहना है कि सेना के पास सिर्फ 10 दिन का ही गोला-बारूद बचा हुआ है और अगर चीन से युद्ध होगा तो सेना महज 10 दिन तक ही मोर्चा ले सकती है. इस रिपोर्ट के बाद हर तरफ इसी के चर्चे होने लगे कि आखिर हम चीन को धमकियाँ भी देते जा रहे हैं और हमारे पास 10 दिन तक का ही बारूद है ! लेकिन आज हम आपको बताते हैं कि भारतीय सेना की स्थिति इतनी भी ख़राब नही है कि हम युद्ध से कमजोर साबित होंगे.
40 फ़ीसदी बारूद तो 10 दिन में ही ख़त्म हो जाएगा
आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नही है कि सेना के पास गोला बारूद की कमी को लेकर कोई रिपोर्ट जारी हुई हो इससे पहले भी जब UPA की सरकार थी तब भी ऐसी रिपोर्ट आई थी लेकिन इस बार रिपोर्ट ऐसे मौके पर आई है जब भारत और चीन के बीच तनाव फैला हुआ है. कैग की इस रिपोर्ट का आधार ‘भारतीय सेना को असलहे की ज़रूरत’ है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि ‘अगर इस हालात में युद्ध छिड़ जाए तो भारतीय सेना का 40 फ़ीसदी बारूद तो 10 दिन में ही ख़त्म हो जाएगा.’
रक्षा विशेषज्ञ मारूफ़ रज़ा के अनुसार
रक्षा विशेषज्ञ मारूफ़ रज़ा बताते हैं कि ‘सेना में गोला-बारूद की जरूरत को लेकर वॉर वेस्टेज रिज़र्व के हिसाब से क़रीब 40 साल पहले एक टेबल बनाया गया था. उस ज़माने में जब युद्ध होते थे तो 10-15 दिन नही बल्कि महीने भर या डेढ़ महीने तक चलते थे और जब युद्ध किसी नतीजे तक नही पहुँचता था तो दुनिया के बाकी देश युद्ध कर रहे दोनों पक्षों को युद्ध विराम घोषित करने का दबाव बनाते थे लेकिन आज जो हालात हैं वो एकदम अलग हैं. आज जैसी हालत है उसके हिसाब अगर आज युद्ध होता है तो महज 7 से 10 दिन में ही दुनियाभर के बाकी देश युद्ध को रोकने के लिए दोनों पक्षों पर युद्ध विराम का दबाव बनाने लगेंगे.अभी जिस तरीके के हालात हैं उस हिसाब से मुमकिन है कि भारत की लड़ाई पाकिस्तान और चीन के साथ हो सकती है. ऐसे में दुनिया के शक्तिशाली देश एशिया के दो बड़े देशों भारत और चीन के युद्ध को लेकर काफ़ी चिंतित होंगे और उनकी कोशिश जंग को बंद करने की होगी.भारत, पाकिस्तान और चीन के पास परमाणु हथियार हैं, दुनिया को परमाणु हथियारों का इस्तेमाल की चिंता होगी और लड़ाई को जल्द ख़त्म करने की कवायद होगी. जिस तरीके से दुनिया के कई देशों समर्थन भारत को मिला रहा है उस लिहाज से माना जा रहा है कि भारत इतना भी कमजोर नही है और हर मुकाबले का जवाब देने में सक्षम है.’
भारत चीन विवाद
भारत और चीन के बीच चल रहे टकराव को लेकर आये दिन चीन धमकी दे रहा है. दोनों देशों कि सेना डोकलाम इलाके पर तैनात हैं. चीनी मीडिया आये दिन भारत के खिलाफ जहर उगल रही है. चीनी मीडिया ने कहा कि चीन को भारत के साथ गतिरोध करने के लिए तैयार रहना चाहिए. इसी के साथ चीनी मीडिया भारत को लगातार धमकी दे कह रहा है कि इसी तरह तनाव रहता है तो भारत और चीन के बीच अन्य सीमाओं पर भी संघर्ष छिड सकता है. चीन कह रहा है, भारत डोकलाम को लेकर सपना देखना छोड़ दे यह सिर्फ भारत का सपना है. चीन के अख़बार ने “ग्लोबल टाइम्स ” ने कहा है कि चीन डोकलाम इलाके से सेना हटाने को कभी तैयार नहीं होगी.
गौरतलब है कि रिपोर्ट के अनुसार भारत के पास इतना भी गोला बारूद नहीं है जो 10 दिन तक दुश्मनों का सामना कर सके. एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार CAG ने भारतीय नौसेना को आड़े लेते हुए कहा कि चार पनडुब्बी रोधी वाहक युद्धक पोत के निर्माण में भी असाधारण विलंब बताया है.
क्या था रिपोर्ट में
21 जुलाई को संसद में सौंपी रिपोर्ट के अनुसार सन 2013 में गोला बारूद सप्लाई करने वाली कम्पनी ऑर्डिनेंस को गोला बारूद की कमी की गुणवत्ता को लेकर ध्यान दिलाया था. उसके बाद भी इस मामले में किसी तरह की प्रगति न हुई. जरुरत के हिसाब से कमी कायम रही है. खराब व रिजेक्ट पड़े गोला बारूद हटाने व रिपेयर करने में भी कोई खास काम नहीं किया जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार गोला बारूद की कमी
रिपोर्ट के अनुसार गोला बारूद मैनेजमेंट को ऑडिट किया गया था जिसमे बताया गया है कि सेना ऑपरेशन अवधि की जरुरत के अनुसार वॉर वेस्टेज को रिजर्व रखा जाता है.रक्षा मंत्रालय ने रिज़र्व वॉर वेस्टेज को 40 दिन की अवधि को मंजूरी दी थी. सन 1999 में आर्मी ने फिर तय किया था कि रिज़र्व वॉर वेस्टेज को कम से कम 20 दिन की अवधि के साथ रिजर्व होना ही चाहिए. जब जाँच की गयी तो पाया गया कि सिर्फ 20 प्रतिशत गोला बारूद ही 40 दिन के मानक के हिसाब से खरे उतर पाये, बल्कि 55 प्रतिशत गोला बारूद 20 दिन के स्तर से भी कम थे. इस तरह हालत बेहद चिंताजनक हैं.
सन् 2008-2013 के बीच 9 सामग्रियों की खरीदारी के लिए पहचान की गयी थी. रिपोर्ट के अनुसार जब देखा गया तो 2014-2016 के बीच इनमें से केवल 5 सामग्रियों पर ही कम हो सका. कमी को देखते हुए सेना मुख्यालय ने उप प्रमुख के वित्तीय अधिकार बढ़ा दिए हैं.भारत को ज्यादातर आपूर्ति ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड की ओर से की जाती है, लेकिन उत्पादन का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता है.
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