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पीएम मोदी ने अजीत डोभाल को चीन भेजा ही था कि बदल गये चीन के सुर, पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा…

पीएम मोदी ने अजीत डोभाल को चीन भेजा ही था कि बदल गये चीन के सुर, पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा…

चीन ने एक बार फिर कुछ ऐसा किया है कि सब चौंक गये हैं, कुछ दिनों से भारत और चीन के बीच तनातनी ज़ारी है और कभी भी युद्ध हो सकता है. आपको बता दें चीन की तरफ से कई बार इस तरह का बयान आया है कि हम युद्ध के लिए तैयार हैं लेकिन भारत ने भी कड़ा रुख दिखाते हुए चीन को मुंह तोड़ जवाब दिया है. इस मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत के नेशनल सिक्यूरिटी एडवाइसएर अजीत डोभाल चीन गये हैं. डोभाल अभी चीन गये ही थे कि चीन की तरफ से एक ऐसा बयान आया है जिसे सुनकर सब चौंक गये हैं.





दरअसल चीनी मीडिया ने लिखा है कि पीएम मोदी , ‘भारत लगातार ही विदेशी निवेश आकर्षित कर रहा है, उसने निवेश के लिए सकारात्मक माहौल बनाया है और पिछले दो वर्षों के दौरान दुनिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सबसे बड़ा गंतव्य रहा है.’ ‘भारत और चीन के बीच व्यापार सहयोग मजबूत करने और उनकी ‘खुली व्यापार नीति की पैरवी’ से निश्चित रूप से मुक्त वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने और संरक्षणवाद का मुकाबला करने में प्रोत्साहन मिलेगा.’ ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने एक सक्रीय विदेश नीति लागू की, विदेशी निवेश नीति को सुधारा है और घरेलू उद्यमों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतरने के लिए प्रोत्साहित किया है


आपको बता दें जहां एक तरफ भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर तनातनी चल रही है वहीं चीनी मीडिया में ऐसा बयान आना काफी चौकाने वाली बात है. पीएम मोदी का लोहा अब चीन ने भी मान लिया है और चीन भी कहीं ना कहीं भारत से डरा हुआ है. चीन की तरफ से ऐसा बयान आना काफी मायने लगता है. आपको बता दें इसी चीनी मीडिया ने भारत के खिलाफ कई खबरें छापी हैं और सुषमा स्वराज को झूठा भी कहा है.

भारत में चीनी राजदूत से मिली जानकारी से लेख में कहा गया है, ‘भारत का मौजूदा सुधार प्रक्रिया और खुली नीति बेहद आकर्षक है.’ इसमें साथ ही कहा गया है, ‘विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर दोनों विकासशील राष्ट्रों का रुख एक समान है. उदाहरण के लिए, भारत ने हरित अर्थव्यवस्था के प्रति अपनी प्रतिबध्ता दिखाई है और पेरिस जलवायु समझौते को लागू करने अग्रणी रहा है.’


अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में बढ़ती टक्कर देख चीन घबराया हुआ है, देखा जाए तो भारतीय माल इस समय तेज़ी से मार्किट में उतर रहा है और चीन ऐसे में बौखलाया है, इधर डोकलाम में भी भारत बढ़त बनाये हुए है और चीनी सैनिकों को वहां से धकेल रहा है.

भारत पर दबाव बनाने के लिए चीन बोल रहा है ये 5 बड़े झूठ,चीनी मीडिया में चल रही हैं ये झूठी खबरें

इन दिनों भारत और चीन के बीच का विवाद इतना बढ़ गया है कि कभी भी दोनों देशों के बीच जंग छिड़ सकती है. दोनों ही देश काफी मजबूत हैं और दोकलाम की सीमा पर टिके हुए हैं. ऐसे में चीन अपने आप को शक्तिशाली दिखाने के लिए लगातार झूठ बोल रहा है और पुराने वीडियो दिखा रहा है. जी हाँ अब लड़ाई 1962 जैसी नहीं है क्योंकि भारत खुद इस समय काफी मजबूत है.china



चीन बोल रहा है 5 झूठ, जानिये क्या हैं

 वो झूठ और उनका पूरा सच… सभी जानते हैं चीन कितना बड़ा चालबाज़ है, चीन ने एक बार फिर अपनी नीच हरकत शुरू कर दी हैं और भारत को डराने के लिए कुछ ऐसे कदम उठाये हैं जिनके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा. चीन न कि एक चाल तो तब सामने आ गयी थी जब भारतीय सेना ने ड्रोन से मानव श्रंखला के पीछे खड़े 3000 सैनिकों को देख लिया था.

1.चीनी सेना ने किया था तिब्बत में अभ्यास.. 

कुछ दिनों पहले चीन ने यह खबर अपने मीडिया पर दिखाया था कि चीनी सेना तिब्बत में अभ्यास कर रही है. चीनी मीडिया की माने तो ये अभ्यास जल्द ही का है और चीन भारत पर हमला करने के लिए तयारी कर रहा है. सच ये है कि यह वीडियो पुराना है इसे बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जा रहा है. असल में ना ही चीनी सेना ने दोकलाम में अपने सैनिकों की तादात बढ़ाई है. आपको बता दें चीन के सेना अभ्यास का डोकलाम में चल रहे विवाद से कोई मतलब नहीं है.


2. तिब्बत भेजा गया लड़ाई का समान…

कुछ दिनों पहले चीनी सरकार के मुख्यपत्र में ये खबर आई थी कि चीन ने लाखों टन समान तिब्बत भेजा है. रिपोर्ट में लिखा था कि “सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में भारतीय सैनिकों के साथ गतिरोध के बाद चीन की सेना ने हजारों टन सैन्य साजो सामान तिब्बत के दूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्र में भेजा है” असल में यह समान पिछले महीने भेजा गया था.


3. भारत पर दबाव बनाने के लिए बताये ज्यादा सैनिक…

 चीन ने भारत पर दबाव बनाने के लिए एक बार नहीं बल्कि कई बार यह झूठ बोला है कि सीमा पर उन्होंने 15-16 डिवीज़न पर 50,000 सैनिक तैनात किए हैं. जबकि असल में चीन का पश्चिमी कमांड कुछ खास नहीं कर सकता, क्योंकि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हमारे 12-13 डिवीजन पहले से ही तैनात हैं. साफ़ बात है चीन ऐसा सिर्फ और सिर्फ भारत पर दबाव बनाने के लिए कर रहा है और खुद कहीं ना कहीं ये बात चीन भी मानता है कि भारत अब काफी ताकतवर हो चुका है.



4. डोकलाम में भारत और चीन में कौन ज्यादा मजबूत ?


मान लीजिए आने वाले समय में अगर भारत और चीन के बीच युद्ध होता है तो चीन को ऐसे में भारी नुक्सान उठाना पड़ेगा, भारत के एक सैनिक के मुकाबले चीन को कम से कम नौ सैनिक लाने पड़ेंगे. बात की जाए सैनिकों की तादात की तो भारतीय सैनिक इस समय डोकलाम में चीनी सैनिकों के सामने कई गुना हैं. भारत के पास डोकलाम में चीन से ज्यादा हथियार भी मौजूद है.



5. सैन्य अभ्यास को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया है.. 

आपको बता दें चीनी मीडिया कई दिनों से यह खबर दिखा रही है कि चीन ने डोकलाम इलाके की पठार में सैन्य अभ्यास किया है. चीन ने अपनी ताकत को परकने के लिए ऐसा किया है. असल में उस इलाके में नज़र रखने वाले सरकारी सूत्रों के अनुसार चीन पिछले 2 महीनों से चीन ने किसी भी प्रकार का अभ्यास नहीं किया है. चीन ऐसा सिर्फ भारत पर दबाव बनाने के लिए कर रहा है.




जैसे-जैसे युद्ध की आशंकाए बढ़ती जा रही हैं चीन की पोल भी खुलती जा रही है, चीन को अब समझना होगा कि भारत काफी मजबूत देश बन चुका है.

















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