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GST कॉन्क्लेव में जुटे दिग्गज, आर्थिक सुधार की दिशा में GST को बताया ऐतिहासिक कदम

GST कॉन्क्लेव में जुटे दिग्गज, आर्थिक सुधार की दिशा में GST को बताया ऐतिहासिक कदम



संसद भवन में शुक्रवार रात 12 बजे स्पेशल सेशन में देश का सबसे बड़ा कर सुधार जीएसटी लॉन्च होगा. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी समेत कई हस्तियां मौजूद रहेंगी. इस मौके पर 'आज तक' ने भी दर्शकों के लिए विशेष जीएसटी कॉन्क्लेव का आयोजन किया. जहां कई केंद्रीय मंत्री, कारोबारी और आर्थिक विशेषज्ञ जुटे और उन्होंने इस पर अपनी राय दी.


शोभना कामिनेनी, चंद्रजीत बनर्जी, अजय एस. श्रीराम (CII) (एंकर - राहुल कंवल, राजीव दुबे)

CII प्रेसिडेंट शोभना कामिनेनी ने कहा कि जीएसटी देश के लिए बहुत अच्छी चीज है, इसके लिए कोई सही समय नहीं है. लागू होने के बाद सभी लोगों को इसका साथ देना होगा. शोभना ने बताया कि हम लोग लगातार इंडस्ट्री के लोगों की जीएसटी को लेकर मदद कर रहे हैं. सरकार देश में व्यापार के लिए अच्छा माहौल बनाने की कोशिश कर रही है. CII के पूर्व प्रेसिडेंट अजय एस. श्रीराम ने कहा कि ये बदलाव देश के लिए काफी अहम है, देश को एक मार्केट बनना काफी जरुरी है. जब तक ये लागू नहीं होगा तो इसके बारे में पता नहीं चलेगा, लागू होने के बाद सभी बातें साफ होती जाएगी. उन्होंने कहा कि 4-5 महीने में जीएसटी का रुख पूरी तरह से साफ हो जाएगा. CII के DG चंद्रजीत बनर्जी बोले कि जीएसटी को लेकर कई तरह की बातें कहीं जा रही हैं, पहले लोगों को इसके बारे में जानना होगा. कुछ समय के बाद आपको इसका असर दिखना शुरू हो जाएगा. रिटर्न्स भरने में लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी, आपको सिर्फ 10-15 मिनट ही लगेंगे. यह एक आसान सिस्टम है. CII के पूर्व प्रेसिडेंट सुनील मुंजाल ने कहा कि जीएसटी का फायदा सिर्फ टैक्स सिस्टम में ही नहीं बल्कि इकॉनोमी में भी मिलेगा. अभी भी यह पूरी तरह से साफ नहीं है कि किस सेक्टर में महंगाई बढ़ेगी या घटेगी. पहले लोगों को हर टैक्स के लिए अलग से रिटर्न भरना होता था, लेकिन अब उन्हें एक ही फॉर्म भरना है


पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री (एंकर- श्वेता सिंह)
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जीएसटी का लागू होना एक ऐतिहासिक घटना है. मैं पीएम, वित्तमंत्री, जीएसटी काउंसिल और सभी सीएम को बधाई देना चाहूंगा. कांग्रेस में गलतफहमी के कारण वो जश्न में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, हमने सभी की सहमति से इसे लागू किया है. उन्होंने कहा कि अगर जीएसटी लागू होने से सबकुछ महंगा होगा, तो विपक्ष ने इसे पास ही क्यों करवाया. उन्होंने कहा कि अगर कोई बड़ा परिवर्तन होता है, उसके शुरू में कुछ तकलीफ तो होती ही है. पीयूष गोयल बोले कि जीएसटी आने के बाद टैक्स चोरी पर रोक लगेगी. कपड़ा बाजार में कुछ ही मुद्दे हैं जिनपर विचार किया जाएगा, लेकिन अगर कोई भी विषय आता है तो लोग हमें शिकायत कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को अब पक्के बिल पर आना चाहिए, अगर कोई भी कुछ खरीदता है तो उन्हें बिल जरूर लेना चाहिए. 37 रिटर्न्स भरने को लेकर कई तरह की भ्रांतिया फैलाई जा रही हैं, लेकिन असली में ऐसा नहीं है. कोयले के ऊपर सिर्फ 5% फीसदी जीएसटी है.


प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय मंत्री ( एंकर - पुण्य प्रसून वाजपेयी)
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि लोगों को जीएसटी के बारे में जितनी भी शंकाए हैं, वो जल्द ही खत्म हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि सब सुविधाएं ऑनलाइन होगी इससे लोगों को ज्यादा दिक्कत नहीं होगी. जावड़ेकर बोले कि क्योंकि अब टैक्स काफी कम होगा, तो इससे लोगों को फायदा मिलेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने से चोरी रुकेगी, इससे सरकार के पास भी ज्यादा राजस्व आएगा. जावड़ेकर ने कहा कि जीएसटी लागू होने में हर किसी का श्रेय है, इसका हर नियम सबकी सहमति से हुआ है. कोई ये नहीं कह सकता है कि हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है.12 बजे तक मैं अपील करुंगा कि भगवान उन्हें सदबुद्धि दें, लेकिन कल क्या कहूंगा ये कल ही बताउंगा. उन्होंने कहा कि 1947 में हमें राजनीतिक आजादी मिली थी, अब हमें पुरानी व्यवस्था से आजादी मिल रही है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसान की आत्महत्या को टैक्स सिस्टम से नहीं जोड़ना चाहिए. किसी भी व्यक्ति की आत्महत्या होना दुखद है






मनीष तिवारी, कांग्रेस नेता (एंकर - पुण्य प्रसून वाजपेयी)
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि मुझे नहीं पता सरकार किस बात का जश्न मना रही है, ये एक फालतू जश्न है. हम तो सिर्फ एक टैक्स प्रणाली से दूसरी प्रणाली में जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये प्रक्रिया 2001 में शुरू हुई थी, जो लोग आज इसकी वाहवाही लूट रहे हैं उन्हीं लोगों ने इस बात का सबसे ज्यादा विरोध किया है. उन्होंने कहा कि 2014 तक प्रधानमंत्री जीएसटी का विरोध कर रहे थे, हाथी के दांत खाने के और दिखाने के अलग हैं. तिवारी बोले कि सरकार को अभी लोगों में विश्वास जगाने में काफी मेहनत करनी होगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी के हाथ से व्यापारी तभी हाथ से निकल गया था जब इनकी सरकार ने नोटबंदी का फैसला किया था. मनीष तिवारी बोले कि नोटबंदी का असर भारत की अर्थव्यवस्था पर काफी गहरा असर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की ना ही नीति साफ है और ना ही नीयत साफ है. आज भारत के मुख्य बैंक काफी मुश्किल में हैं. तिवारी ने कहा कि अगले 6 महीने इस सरकार के लिए काफी मुश्किल भरे होंगे. मनीष तिवारी बोले कि 8 नवंबर 2016 को सरकार ने तुगलकी फरमान जारी किया था. 2019 का चुनाव बहुत से अलग मुद्दों पर लड़ा जाएगा. 10 साल तक बीजेपी ने जीएसटी का विरोध किया है, लेकिन हमारी पार्टी ने हर जगह इसे पास करवाने में सरकार का साथ दिया. मनीष तिवारी ने कहा कि हमारी पार्टी में सरकार चलाने की कला है, हमारे पास विपक्ष में रहने की कला नहीं है.


जयंत सिन्हा, केंद्रीय मंत्री ( एंकर- पुण्य प्रसून वाजपेयी)
केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा बोले कि जीएसटी लागू होने से एक देश-एक कर का सपना सच होगा. उन्होंने कहा कि ये हमारे देश में ही ऐसा हो रहा है कि कई स्लैब लागू किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से कई चीजें सस्ते होंगे. जयंत सिन्हा ने कहा कि समय के साथ-साथ जीएसटी सरल होता जाएगा. अब राज्य सरकार और केंद्र सरकार के सभी टैक्सों का संगम हो गया है. पेट्रोलियम प्रोडक्ट को कुछ समय के लिए बाहर किया गया है, लेकिन कुछ समय के बाद इसपर दोबारा विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लोगों को महीने में सिर्फ एक बार अपने डाटा को अपडेट करना है, इसमें कोई मुश्किल नहीं होनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीएसटी आने से महंगाई नहीं बढ़ेगी. मैं जीएसटी को गणतंत्र का सुविधा तंत्र कहता हूं. उन्होंने कहा कि इससे टैक्स सिस्टम काफी आसान हो रहा है.केंद्रीय मंत्री बोले कि टैक्स देना लोगों की जिम्मेदारी है, नौकरीपेशा लोग भी टैक्स देते हैं व्यापारियों को भी देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये बहुत दुख की बात है कि विपक्ष आज रात के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहा है, ये देश के लिए हो रहा है इसमें कोई राजनाति नहीं है. अमेरिका जैसे देश में भी इसे लागू करना काफी मुश्किल है, लेकिन हमारे देश में ये हो रहा है जोकि बहुत बड़ी बात है. हमारे देश की जीडीपी में टैक्स का हिस्सा अभी सिर्फ 16 फीसदी है, इसे बढ़ाना हमारा लक्ष्य है. नोटबंदी के बाद टैक्स रेवन्यू 25 फीसदी तक बढ़ा है. अगर हमें नंबर 1 बनना है तो हमें नंबर दो को बंद करना होगा. हमें कच्चे बिल को छोड़कर पक्के बिल की ओर बढ़ना होगा.







नवीन कुमार, (GSTN चेयरमैन) हसमुख अधिया, राजस्व सचिव (एंकर - देबिना गुप्ता, अंशुमान तिवारी)
जीएसटीएन के चेयरमैन नवीन कुमार ने कहा कि हमें कभी भी ऐसा नहीं लगा कि हम 1 जुलाई को इसे लागू नहीं कर पाएंगे. अभी तक 80 लाख में से 66 लाख लोग हमारे नेटवर्क में रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. ऐसा काफी कम चांस है कि ये नेटवर्क कभी फेल होगा. नवीन कुमार ने कहा कि हमारे सिस्टम पर कई लोग आ रहे हैं और उम्मीद है कि ज्यादा लोग आएंगे. इसमें गरीब तबके के लोग भी जुड़ रहे हैं. राजस्व सचिव हसमुख अधिया बोले कि हम लोग हर तबके के लोगों को इस बारे में सलाह दे रहे हैं, लोगों की बात सुन रहे हैं. हमने अपनी स्लैब को तय करने में भी लोगों की हर बात सुनी है, जिसके बाद उसका फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि वैट को लेकर हर राज्य का अलग तरीका है, क्योंकि वे HSN कोड को फॉलो नहीं कर रहे थे.




जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश में ये फॉलो किया जाएगा.अधिया ने रिफंड के मुद्दे पर बोला कि पहले स्टेट के टैक्स के रिफंड पर एप्लीकेशन करना पड़ता था, लेकिन अब ये एप्लीकेशन को ऑनलाइन कर दिया गया है. 7 दिन के अंदर 90 फीसदी रिफंड मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि रेरा का कानून आने से लोगों को फायदा मिलेगा, लेकिन फिर भी लोगों को जागरुक करना काफी जरूरी है.


निर्मला सीतारमन, केंद्रीय मंत्री (एंकर - राहुल कंवल) केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि कभी भी एक साथ इस पर तैयार नहीं होगा. जीएसटी आने दीजिए, इसे फेस कीजिए और फिर हम सहयोग करेंगे. इसे कैसे पूरा किया जाएगा? यह कंपलायंस नाइटमेयर नहीं होगा. जो भी जीएसटी में है, उसे बहुत सोच समझ के किया गया है. लोग पहले पेपर, पेन से करते हैं अब वे सब ऑनलाइन करेंगे. आप सबकुछ ऑफलाइन कीजिए, सब आपको लगे कि सबकुछ पक्का हो गया है तो फिर उसे आप फाइनल एंट्री कीजिए. इस दौरान भी एंट्री प्री-व्यू का टाइम है. हमने ऐसे सिस्टम बनाएं हैं जिसके बारे में आप पूछ सकते हैं. सब जगह डबल चेक के ऑप्शन हैं.


उन्होंने कहा कि राज्यों को घाटा होने पर भरपाई के लिए मुआवजा मिलेगा इसलिए वे सपोर्ट कर रहे हैं. फेल होगा तो केंद्र पर सारी जिम्मेदारी आएगी? पूरी प्रक्रिया एक दशक से चल रही है. सबने कई बार इस पर बात की है. रेट पर बात की है. राज्य ने अपना सहयोग दिया है. पीएम मोदी ने इसलिए सबका शुक्रिया किया है, कब तक हम वे, हम, उनका, अपना करते रहेंगे. हमको इससे बाहर निकलना होगा. सबको इससे लाभ मिलेगा. विपक्ष के विरोध पर बोलीं सीतारमन- हम उन्हें चीयरलीडर्स बनने के लिए नहीं कह रहे, हम चाहते हैं कि वे हिस्सा लें. अगर कई भी दिक्कते हैं, तो हम उस पर बात करेंगे. एक साल से काउंसिल मीटिंग में बात हुई है. रेट पर लगातार बात हुई है. मैं चाहती हूं कि सेक्टर वाइज सेक्टर बात हो. हमने सेक्टर वाइज उद्योग से बात की. टेक्साइटल सेक्टर की समस्याओं को इन्हीं मीटिंग में खत्म किया गया. जीएसटी लागू होने-होने तक इस पर बात की. 20 लाख से कम के कारोबार पर हमने छूट पहले ही दे रखी है. उससे ज्यादा पर हम मुआवजा भी दे रहे हैं. वीमेंस हाइजिन प्रोडक्ट पर, टैक्स का विरोध हुआ. पर सेल्फ हेल्प ग्रुप बना रहे हैं, वे इसका लाभ ले सकते हैं. समस्या तब है जब आप रजिस्टर नहीं कर रहे हैं. क्योंकि जो आपसे खरीददारी करने आ रहे हैं, वे आपको रजिस्टर नहीं पाएंगे तो आपके कारोबार पर असर पड़ेगा. मंत्री ने कहा कि सब रेट और सब छूट हम चाहते हैं कि आम लोगों तक पहुंचे. हम जानते हैं कि जीएसटी से पहले, जो हम छूट देते हैं वो अंतिम ग्राहक तक नहीं पहुंचता है. यह एक प्रकार का उल्लंघन है. यह गंभीर सवाल है कि आखिर क्यों टैक्स छूट का लाभ आखिरी शख्स तक नहीं पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि वॉर रूम जो बनाए गए हैं वो लोगों को जिले लेवल तक मदद कर रहे हैं. जो भी ग्राहक, कारोबारी फोन कर रहे हैं. हमें सोशल मीडिया, मेल पर सवाल पूछ रहे हैं. उन्हें सवाल का जवाब मिल रहा है. जटिल मुद्दों को हम काउंसिल को भी ट्रांसफर कर रहे हैं. जो असल समस्याएं होंगी उन्हें काउंसिल के पास ट्रांसफर किया ही जाएगा.


नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री ( एंकर- अंजना ओम कश्यप)

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जीएसटी लागू करने से देश में कालाधन खत्म होगा, वहीं लोगों को टैक्स के जंजाल से मुक्ति मिलेगी. इससे 17 टैक्स खत्म होंगे, साथ ही ये भ्रष्टाचार खत्म करने में फायदा होगा. गडकरी ने कहा कि पेट्रोल-शराब को जीएसटी में लाने से राज्य सरकार ने मना किया. जीएसटी से राज्य सरकार और केंद्र सरकार का राजस्व बढ़ेगा. अभी लोगों को 28 फीसदी टैक्स ज्यादा लग रहा है, लेकिन लोग ये नहीं देख रहे हैं कि इससे काफी टैक्स भी खत्म हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पहले लोगों को हर तरह के टैक्स भरने में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. अभी लोगों को शुरुआती कुछ समय में इसे देखना चाहिए, अगर कोई दिक्कत होगी तो उसमें सुधार लाया जाएगा.पैक प्रोडेक्ट पर टैक्स बढ़ने से लोवर मिडिल क्लास पर कोई असर नहीं पड़ेगा. गडकरी ने कहा कि देश के लिए विदेशी निवेश जरुरी है, लेकिन देश के व्यापारियों को भी बढ़ावा देना जरुरी है. हमारा विरोध करना कांग्रेस की मजबूरी है, इसलिए वो ऐसा कर रहा है. जीएसटी सिर्फ बीजेपी की देन नहीं, कांग्रेस ने भी इस पर काम किया है. लेकिन विपक्ष के नाते उनका विरोध करना हक है.

संसद में आधी रात को स्पेशल सत्र पर विपक्ष के विरोध पर उन्होंने कहा कि ये बीजेपी का कार्यक्रम नहीं है, ये सरकार का कार्यक्रम है. इसमें पीएम, राष्ट्रपति, पूर्व पीएम समेत देश की कई हस्तियां शामिल होंगी. अभी जो भी स्लैब तैयार किए गए हैं, वो सिर्फ हमारी सरकार का फैसला नहीं है. उसमें सभी ने साथ में निर्णय लिया है.

सरकार जीएसटी के लिए पूरी तरह से तैयार है, हम लगातार इस पर बात कर रहे हैं. सरकार ने सभी को साथ लेकर इसे लागू किया है, अगर कुछ भी दिक्कत होती है. तो हम उसे दूर करेंगे. गडकरी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसकी काफी तारीफ की है. उन्होंने कहा कि जीएसटी में जल्दबाजी नहीं की गई है, इसको लेकर काफी लंबे समय से बहस चल रही है. गडकरी ने कहा कि जीएसटी लागू होने से इंस्पेक्टर राज खत्म होगा, लोगों को 17 टैक्स और 22 सेस से छूट मिलेगी.

नितिन गडकरी ने कहा कि मैं भी पीएम मोदी की तरह हूं, हम लोग मीडिया के दबाव में काम नहीं करते हैं. व्यापारियों से मैं अपील करना चाहता हूं कि एक बार उन्हें सिस्टम को लागू होने देना चाहिए, हमारी भी कुछ गलती हो सकती है. अगर दिक्कत होती है तो हम सुधार करने के लिए तैयार हैं. हमारी सरकार ने 50,000 करोड़ रुपये अनुदान होने से बचाए. कई जगहों पर कठोर निर्णय करने काफी जरुरी हैं




वित्त मंत्री अरुण जेटली, वित्त मंत्री (एंकर - राहुल कंवल)

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पिछले 70 साल में किसी विधेयक पर इतनी बहस नहीं हुई जितनी जीएसटी पर हुई है. उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होना बड़ा मौका, बड़े कदमों से ही देश की तकदीर बदलती है. जेटली बोले कि इसको लागू करने में कई नेताओं का अहम रोल रहा. कई राज्यों के मंत्रियों ने इसे पास करने में काफी मदद की. हमने सबकी सहमति के लिए कई बैठकें करवाईं, कई बैठक 2-3 दिन तक चली थी.

अरुण जेटली ने कहा कि सब कुछ केंद्र ने तय नहीं किया है, इसे 31 राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने साथ में हर फैसला किया है. सभी काउंसिल बैठकों की रिकॉर्डिंग हमारे पास है. हमने हर विषय पर सर्वसम्मति से फैसला लिया. इसलिए मैंने सभी विपक्षी पार्टियों से कहा है कि आपने हर जगह पर इसपर साथ दिया है, जश्न में शामिल होना चाहिए था.

उन्होंने कहा कि इसमें हम बस अपना ही प्रचार नहीं कर रहे हैं. हम शुरू से ही सबको साथ लेकर चल रहे हैं, हमने पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी बुलाया है. जेटली बोले कि आगे भी कई ऐसे मौके आएंगे जब कांग्रेस पार्टी को काफी कुछ सोचना पड़ेगा. अरुण जेटली ने कहा कि पूरी दुनिया में प्राइवेट सेक्टर सरकार से आगे रहता है, लेकिन इस बार इतिहास बदला है. हम काफी समय से कह रहे थे कि 1 जुलाई को लागू करेंगे, और हम इस तारीख को लागू कर रहे हैं. हमने 18 जून तक सभी चीजों के दाम तय कर लिए थे, 1 जुलाई का फैसला सिर्फ मेरा फैसला नहीं ये जीएसटी काउंसिल ने तय किया था. वित्तमंत्री ने कहा कि कुछ नया करने पर शुरू में दिक्कतें आती हैं, पर उसे सुधार कर लिया जाता है. उन्होंने कहा कि इस देश की कई विशेषताएं हैं. जब नोटबंदी लागू हुआ तो लोगों ने कहा कि जीडीपी गिर जाएगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. नोटबंदी के बाद शुरू कुछ दिनों में ही दिक्कत हुई थी, जिन देशों में जीएसटी फेल हुआ है वह कुछ अलग परिस्थितियां थी. हमारे देश में उन देशों से अलग व्यवस्था है. जो लोग आलोचना करते हैं उन्हें समझना चाहिए, पिछले 70 सालों से हमारी सरकारें उधार लेकर सरकार चला रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर हर कोई टैक्स देना शुरू कर दे तो उधार की नौबत नहीं आएगी. देश को चलाने के लिए टैक्स सिस्टम को अच्छा करना काफी जरूरी है. जेटली ने कहा कि हम लोग 130 करोड़ हैं, 5 लाख से ज्यादा इनकम वाले इस देश में 71 लाख लोग हैं, उनमें से 61 लाख सैलरी वाले हैं. बाकी लोग में सभी लोग टैक्स नहीं देते हैं. अगर इनडॉयरेक्ट टैक्स की बात करें, तो हमारे देश में सिर्फ 80 लाख लोग ही टैक्स देते हैं. हमें उम्मीद है कि आगे बढ़कर टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ेगी. अरुण जेटली बोले कि लोग एक नई व्यवस्था में आ रहे हैं, इसलिए घबराहट है. व्यापारियों की दिक्कतों पर जेटली ने कहा कि यह सभी रिटर्न सॉफ्टवेयर से भरी जाएंगी, इससे उनको कोई दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि देश में व्यापारियों का एक बहुत बड़ा वर्ग है जो इसका स्वागत कर रहा है. जेटली ने कहा कि किसी भी सिस्टम में उसे बिगाड़ने वाले रहेंगे, लेकिन उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा. GSTN के नेटवर्क पर उन्होंने कहा कि 15 सितंबर के बाद पुरानी व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो जाएगी. हर राज्य सरकार को जीएसटी के ऊपर एक मत ही लागू करना पड़ेगा, अगर आप हर फैसले में हिस्सेदार हैं तो उसपर कायम रहना जरुरी है. जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की वजह से देरी हुई है. वहां की सरकार को अलग से अपना कानून बनाना पड़ेगा. जब मैं वित्त मंत्री बना था, तो नेशनल कांफ्रेंस के नेता एक कमेटी के चेयरमैन थे. और आज वो इसका विरोध कर रहे हैं. कश्मीर के वित्तमंत्री ने हर बैठक में हमारा साथ दिया है, उम्मीद है कि वहां पर भी जल्दी पास हो जाएगा. जेटली ने कहा कि अगर जीएसटी के बाद किसी राज्य सरकार को घाटा होगा तो 5 साल तक उसकी भरपाई की जाएगी, अगर जम्मू-कश्मीर में ये लागू नहीं होता है तो वहां के लोगों को काफी मुश्किल होगी. वहां की सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए. वित्त मंत्री बोले कि कांग्रेस की हर राज्य सरकार ने पेट्रोल और शराब को जीएसटी में रखने का विरोध किया है. पेट्रोलियम पदार्थ अभी जीएसटी में हैं, लेकिन काउंसिल के फैसले के बाद ही उसे लागू किया जाएगा. वहीं रियल स्टेट पर भी ऐसा ही हुआ है, मनीष सिसोदिया के प्रस्ताव पर मैं राजी था लेकिन कई अन्य लोगों ने कहा कि पहले जीएसटी लागू हो जाए उसके बाद उसे लागू किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि शराब के मुद्दे पर राज्य सरकार तैयार नहीं है. अरुण जेटली ने कहा कि हवाई चप्पल और गाड़ी पर एक जैसा टैक्स नहीं लगा सकते हैं, इसलिए अलग-अलग टैक्स स्लैब लाए गए हैं. जेटली बोले कि जीएसटी के बारे में कॉलम लिखने और उसे लागू करने में काफी अंतर है, जिनपर हम 6 % टैक्स ले रहे हैं उन्हें 12% के स्लैब में नहीं रख सकते हैं. इसलिए 5% का स्लैब बनाया गया है. उन्होंने कहा कि अगर हम एक ही टैक्स स्लैब लाते तो महंगाई काफी हद तक बढ़ जाती इसलिए अलग-अलग टैक्स स्लैब बनाए गए हैं. हमने दामों को कम करने की कोशिश की है. जीएसटी के लागू होने से बिल्डर कई गलत तरीके से टैक्स लेने की कोशिश कर रहे हैं, इससे लोगों को बचना होगा. चीन और भारत के मुद्दे पर जेटली ने कहा कि भूटान ने बयान दिया है कि वो भूमि भूटान की है, हमारे उनके साथ उनकी सुरक्षा करने का संबंध हैं, इसलिए हम वहां पर हैं. चीन के 1962 की याद दिलाने पर जेटली ने कहा कि 1962 के हालात अलग थे, और आज के हालात अलग हैं. हमें इस बात को समझना होगा. कांग्रेस के संसद के विशेष सत्र का विरोध करने पर जेटली ने इसे गैर-जिम्मेदाराना बताया. उन्होंने कहा कि अगर दिन कार्यक्रम होता तो हम कार्यक्रम में आते, रात को कार्यक्रम है तो नहीं आते ये एक अलग तर्क है.जेटली ने कहा कि मैं इसे अभी तक के सुधारों में काफी आगे रखूंगा, हम 1991 के सुधारों को भी काफी बड़ा कह सकते हैं.उन्होंने कहा कि इसमें हम बस अपना ही प्रचार नहीं कर रहे हैं. हम शुरू से ही सबको साथ लेकर चल रहे हैं, हमने पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी बुलाया है. जेटली बोले कि आगे भी कई ऐसे मौके आएंगे जब कांग्रेस पार्टी को काफी कुछ सोचना पड़ेगा. अरुण जेटली ने कहा कि पूरी दुनिया में प्राइवेट सेक्टर सरकार से आगे रहता है, लेकिन इस बार इतिहास बदला है. हम काफी समय से कह रहे थे कि 1 जुलाई को लागू करेंगे, और हम इस तारीख को लागू कर रहे हैं. हमने 18 जून तक सभी चीजों के दाम तय कर लिए थे, 1 जुलाई का फैसला सिर्फ मेरा फैसला नहीं ये जीएसटी काउंसिल ने तय किया था. वित्तमंत्री ने कहा कि कुछ नया करने पर शुरू में दिक्कतें आती हैं, पर उसे सुधार कर लिया जाता है. उन्होंने कहा कि इस देश की कई विशेषताएं हैं. जब नोटबंदी लागू हुआ तो लोगों ने कहा कि जीडीपी गिर जाएगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. नोटबंदी के बाद शुरू कुछ दिनों में ही दिक्कत हुई थी, जिन देशों में जीएसटी फेल हुआ है वह कुछ अलग परिस्थितियां थी. हमारे देश में उन देशों से अलग व्यवस्था है. जो लोग आलोचना करते हैं उन्हें समझना चाहिए, पिछले 70 सालों से हमारी सरकारें उधार लेकर सरकार चला रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर हर कोई टैक्स देना शुरू कर दे तो उधार की नौबत नहीं आएगी. देश को चलाने के लिए टैक्स सिस्टम को अच्छा करना काफी जरूरी है. जेटली ने कहा कि हम लोग 130 करोड़ हैं, 5 लाख से ज्यादा इनकम वाले इस देश में 71 लाख लोग हैं, उनमें से 61 लाख सैलरी वाले हैं. बाकी लोग में सभी लोग टैक्स नहीं देते हैं. अगर इनडॉयरेक्ट टैक्स की बात करें, तो हमारे देश में सिर्फ 80 लाख लोग ही टैक्स देते हैं. हमें उम्मीद है कि आगे बढ़कर टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ेगी. अरुण जेटली बोले कि लोग एक नई व्यवस्था में आ रहे हैं, इसलिए घबराहट है. व्यापारियों की दिक्कतों पर जेटली ने कहा कि यह सभी रिटर्न सॉफ्टवेयर से भरी जाएंगी, इससे उनको कोई दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि देश में व्यापारियों का एक बहुत बड़ा वर्ग है जो इसका स्वागत कर रहा है. जेटली ने कहा कि किसी भी सिस्टम में उसे बिगाड़ने वाले रहेंगे, लेकिन उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा. GSTN के नेटवर्क पर उन्होंने कहा कि 15 सितंबर के बाद पुरानी व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो जाएगी. हर राज्य सरकार को जीएसटी के ऊपर एक मत ही लागू करना पड़ेगा, अगर आप हर फैसले में हिस्सेदार हैं तो उसपर कायम रहना जरुरी है. जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की वजह से देरी हुई है. वहां की सरकार को अलग से अपना कानून बनाना पड़ेगा. जब मैं वित्त मंत्री बना था, तो नेशनल कांफ्रेंस के नेता एक कमेटी के चेयरमैन थे. और आज वो इसका विरोध कर रहे हैं. कश्मीर के वित्तमंत्री ने हर बैठक में हमारा साथ दिया है, उम्मीद है कि वहां पर भी जल्दी पास हो जाएगा. जेटली ने कहा कि अगर जीएसटी के बाद किसी राज्य सरकार को घाटा होगा तो 5 साल तक उसकी भरपाई की जाएगी, अगर जम्मू-कश्मीर में ये लागू नहीं होता है तो वहां के लोगों को काफी मुश्किल होगी. वहां की सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए. वित्त मंत्री बोले कि कांग्रेस की हर राज्य सरकार ने पेट्रोल और शराब को जीएसटी में रखने का विरोध किया है. पेट्रोलियम पदार्थ अभी जीएसटी में हैं, लेकिन काउंसिल के फैसले के बाद ही उसे लागू किया जाएगा. वहीं रियल स्टेट पर भी ऐसा ही हुआ है, मनीष सिसोदिया के प्रस्ताव पर मैं राजी था लेकिन कई अन्य लोगों ने कहा कि पहले जीएसटी लागू हो जाए उसके बाद उसे लागू किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि शराब के मुद्दे पर राज्य सरकार तैयार नहीं है. अरुण जेटली ने कहा कि हवाई चप्पल और गाड़ी पर एक जैसा टैक्स नहीं लगा सकते हैं, इसलिए अलग-अलग टैक्स स्लैब लाए गए हैं. जेटली बोले कि जीएसटी के बारे में कॉलम लिखने और उसे लागू करने में काफी अंतर है, जिनपर हम 6 % टैक्स ले रहे हैं उन्हें 12% के स्लैब में नहीं रख सकते हैं. इसलिए 5% का स्लैब बनाया गया है. उन्होंने कहा कि अगर हम एक ही टैक्स स्लैब लाते तो महंगाई काफी हद तक बढ़ जाती इसलिए अलग-अलग टैक्स स्लैब बनाए गए हैं. हमने दामों को कम करने की कोशिश की है. जीएसटी के लागू होने से बिल्डर कई गलत तरीके से टैक्स लेने की कोशिश कर रहे हैं, इससे लोगों को बचना होगा. चीन और भारत के मुद्दे पर जेटली ने कहा कि भूटान ने बयान दिया है कि वो भूमि भूटान की है, हमारे उनके साथ उनकी सुरक्षा करने का संबंध हैं, इसलिए हम वहां पर हैं. चीन के 1962 की याद दिलाने पर जेटली ने कहा कि 1962 के हालात अलग थे, और आज के हालात अलग हैं. हमें इस बात को समझना होगा. कांग्रेस के संसद के विशेष सत्र का विरोध करने पर जेटली ने इसे गैर-जिम्मेदाराना बताया. उन्होंने कहा कि अगर दिन कार्यक्रम होता तो हम कार्यक्रम में आते, रात को कार्यक्रम है तो नहीं आते ये एक अलग तर्क है.जेटली ने कहा कि मैं इसे अभी तक के सुधारों में काफी आगे रखूंगा, हम 1991 के सुधारों को भी काफी बड़ा कह सकते हैं.



मनीष सिसोदिया, उपमुख्यमंत्री दिल्ली सरकार ( एंकर - श्वेता सिंह )

मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार का ये आइडिया काफी अच्छा है, लेकिन इसे लागू करने का तरीका नहीं है. हमने जीरो प्रतिशत टैक्स की बात की थी, लेकिन कई तरह के टैक्स लगाए गए हैं. चाय के बिस्कुट पर 28 % टैक्स कौन दे पाएगा.

उन्होंने कहा कि ये पहली बार है कि कपड़ों पर भी टैक्स लगेगा. ये जीएसटी सिर्फ सरकार की आमदनी बढ़ाने वाला टैक्स है. मनीष ने कहा कि जीएसटी के लागू होने से काफी महंगाई बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे कई आइडिया मानें, उन्होंने इस कई तरह से इसमें अच्छी बहस की. लेकिन बड़ा फैसला नहीं ले पाए, जीएसटी से काफी कुछ बिगड़ सकता है.

मनीष सिसोदिया ने कहा कि 28% टैक्स देश के आम आदमी के लिए काफी ज्यादा है. उन्होंने कहा कि शराब और रियल स्टेट को इससे बाहर रखना गलत फैसला, इन दोनों को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए था. आप सीमेंट जैसी चीजों पर जीएसटी लगा रहे हैं पर रियल स्टेट नहीं लगाना गलत है.

सिसोदिया बोले कि हमने टैक्स सिस्टम में दिल्ली में काफी अच्छा बदलाव किया है, अगर केंद्र सरकार लोगों को विश्वास में लेती तो काफी अच्छा होता. मनीष सिसोदिया बोले कि अभी भी मेरे पास इसको लेकर सवाल ज्यादा हैं, और उनके जवाब कम हैं. उन्होंने कहा कि इसके लागू होने से केंद्र और राज्य सरकार को ज्यादा फायदा होगा, आम आदमी को नहीं.

उन्होंने कहा कि जीएसटी लाना कोई अपराध नहीं है, लेकिन इससे जनता को फायदा होना जरुरी है लेकिन ऐसा नहीं दिख रहा है. अभी भी लोगों में इसको लेकर डर है. सिसोदिया ने कहा कि इसका जश्न मनाना सही नहीं है, ये बिना जश्न के लागू होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि जिसको टैक्स की समझ है वो समझेगा कि अब वह वैट से हटकर GST के शिकंजे में आ गया है.

उन्होंने कहा कि ऐसा सिस्टम होना चाहिए कि लोग खुशी-खुशी टैक्स दें, ऐसा माहौल नहीं बनना चाहिए कि लोग चोरी करना शुरू करदें. हमारी सरकार ने टैक्स को घटाया तो टैक्स का रेवन्यू बढ़ गया है. ये कोई आजादी नहीं है, क्या हम पहले आर्थिक आजादी में थे. अगर ये आजादी है, तो हम आजादी का मतलब ही नहीं जानते हैं.

मनीष सिसोदिया ने कहा कि अभी कोई भी नहीं कह सकता कि वह जीएसटी का एक्सपर्ट है. GST का फायदा तब होगा जब लोग खुशी-खुशी टैक्स देना शुरू करदें. अगर व्यापारियों को लगता है कि कुछ गलत हो रहा है, तो विरोध करना उनका हक है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में मध्यम वर्गीय व्यापारियों को इससे काफी दिक्कत होने वाली है.




बिवेक देबरॉय, सदस्य नीति आयोग ( एकंर - राजीव दुबे) नीति आयोग के सदस्य बिवेक देबरॉय ने कहा कि भारत दुनिया की पहला फेडरेल देश है जो कि जीएसटी लागू कर रहा है. उन्होंने कहा कि वस्तुओं पर डॉयरेक्ट टैक्स लगने चाहिए, इनडॉयरेक्ट टैक्स नहीं लगने चाहिए. बिवेक ने कहा कि यही कारण है कि कई चीजें जीएसटी से बाहर हैं. ये सिर्फ एक जीएसटी है अगर जिस जीएसटी का सपना देखा था वह लागू होता तो इससे जीडीपी को काफी फायदा होता


उन्होंने कहा कि इससे फायदा भी होगा और नुकसान भी होगा. जीएसटी के बारे में 17 साल से चर्चा हो रही है, इसके लिए कई बार डेडलाइन तय की गई पर ये अब लागू हो रहा है. उन्होंने कहा कि ये एक अच्छे कदम की शुरुआत है. अगर हम आदर्श GST का इंतजार करते तो शायद और 17 साल लग जाते


देबरॉय ने कहा कि जीएसटी को लागू करने में हर पार्टी एक बात पर सहमत हुई है, जीएसटी काउंसिल ने भी इस पर काफी काम किया है. काउंसिल को आगे भी लगातार बैठक करनी होगी, ताकि यह सुचारू रुप से चल सके.

उन्होंने कहा कि जीएसटी का अच्छा रिजल्ट आने में काफी लंबा समय भी लग सकता है. बिवेक बोले कि इससे कुछ सेक्टर में महंगाई का असर दिख सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि कई सभी सेक्टरों में महंगाई होगी. हां, हम ये जरुर कह सकते हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद कुछ समय के लिए महंगाई बढ़ सकती है




कांग्रेस नेता आनंद शर्मा (एंकर- राजदीप सरदेसाई) कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि हमारे विरोध को बहिष्कार कहना गलत है, हमनें कभी भी जीएसटी को तमाशा नहीं कहा. हमारी सरकार ही इसे लाई थी, जब सिर्फ एक मुख्यमंत्री ने विरोध किया था वो सिर्फ नरेंद्र मोदी ने ही किया था. अगर हम भी ऐसा ही करते तो आज जीएसटी लागू ही नहीं होता. रात को जश्न में शामिल ना होना कोई राजनीतिक विरोध नहीं है. आजादी के वक्त ऐसा हुआ था, उसके बाद दूसरी बार आजादी के 25 साल पूरे होने पर फिर बाद में 50 साल पूरे होने पर ऐसा हुआ था. हर बार कांग्रेस शामिल रही है. अभी तो हर जगह अलग कीमत है, लेकिन जीएसटी से एक कर एक टैक्स तो होगा ही. आनंद शर्मा ने कहा कि यह सिर्फ एक जश्न है. कांग्रेस ने भी अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक काम किए हैं, लेकिन क्या हमनें कभी केंद्रीय कक्ष में ऐसा कार्यक्रम किया है. विपक्ष ताली बजाने के लिए नहीं बैठा है. पीएम मोदी को बताना चाहिए कि उन्होंने 7 साल तक GST का विरोध क्यों किया. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह की सूझबूझ के कारण ही GST लागू हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों को समझाना होगा कि आखिर वह इसके आने के बाद कैसे काम करेंगे. सरकार ने जीएसटी नेटवर्क का ट्रॉयल रन नहीं किया, हमारी सभी राज्य सरकारों ने जीएसटी को पास किया है. उन्होंने कहा कि हमने जीएसटी के मुद्दे पर सरकार का विरोध किया है. हम बस ये कह रहे हैं कि केंद्र सरकार रवैया गैर-जिम्मेदाराना है, सरकार को इस मामले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. हम कोई विरोध नहीं कर रहे हैं, हम बस सुझाव दे रहे हैं. आनंद शर्मा बोले कि आज के समय में विरोध करना देशद्रोह हो गया है, सरदार पटेल ने गांधी जी की हत्या के बाद RSS पर बैन लगा दिया है. उन्होंने कहा कि मोदी की तुलना नेहरू से करना बेमानी है, नेहरू अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में लड़े और जेल गए. लेकिन पीएम मोदी ने कुछ नहीं किया, उनकी विचारधाराओं ने भी आजादी में कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि हमें इस बात का कोई श्रेय नहीं लेना है, पीएम मोदी को ही श्रेय लेने दीजिए. हम कह रहे हैं कि कोई नए रिवाज ना बनाए जाएं, 25 साल, 50 साल, 75 साल होने पर ही ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर आज उन्हें छींक भी आ जाती है तो वो ऐतिहासिक हो जाता है. वो जो भी करते हैं सब ऐतिहासिक बन जाता है. आनंद शर्मा ने कहा कि हमने अपनी सभी शंकाओं को सरकार के सामने रखा था, सरकार को व्यापारियों की ट्रेनिंग करनी चाहिए था. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का समर्थन करना उनका निर्णय है, पीएम मोदी और नीतीश कुमार ने कई बार एक दूसरे की आरती उतारी है. हम लोग एंटी मोदी फ्रंट नहीं बना रहे हैं, हमारी लड़ाई बीजेपी और आरएसएस से है सिर्फ मोदी से नहीं है. गोरक्षकों पर पीएम मोदी के बयान पर कहा कि मोदी इतने दिनों से चुप क्यों थे, इससे देश की छवि को नुकसान पहुंचा है. पीएम काफी मजबूत हैं, कई लोगों पर आधी रात में रेड डलवा देते हैं, लेकिन वो गोरक्षकों के मुद्दे पर कुछ नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा कांग्रेस नेता आनंद शर्मा (एंकर- राजदीप सरदेसाई) कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि हमारे विरोध को बहिष्कार कहना गलत है, हमनें कभी भी जीएसटी को तमाशा नहीं कहा. हमारी सरकार ही इसे लाई थी, जब सिर्फ एक मुख्यमंत्री ने विरोध किया था वो सिर्फ नरेंद्र मोदी ने ही किया था. अगर हम भी ऐसा ही करते तो आज जीएसटी लागू ही नहीं होता. रात को जश्न में शामिल ना होना कोई राजनीतिक विरोध नहीं है. आजादी के वक्त ऐसा हुआ था, उसके बाद दूसरी बार आजादी के 25 साल पूरे होने पर फिर बाद में 50 साल पूरे होने पर ऐसा हुआ था. हर बार कांग्रेस शामिल रही है. अभी तो हर जगह अलग कीमत है, लेकिन जीएसटी से एक कर एक टैक्स तो होगा ही. आनंद शर्मा ने कहा कि यह सिर्फ एक जश्न है. कांग्रेस ने भी अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक काम किए हैं, लेकिन क्या हमनें कभी केंद्रीय कक्ष में ऐसा कार्यक्रम किया है. विपक्ष ताली बजाने के लिए नहीं बैठा है. पीएम मोदी को बताना चाहिए कि उन्होंने 7 साल तक GST का विरोध क्यों किया. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह की सूझबूझ के कारण ही GST लागू हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों को समझाना होगा कि आखिर वह इसके आने के बाद कैसे काम करेंगे. सरकार ने जीएसटी नेटवर्क का ट्रॉयल रन नहीं किया, हमारी सभी राज्य सरकारों ने जीएसटी को पास किया है. उन्होंने कहा कि हमने जीएसटी के मुद्दे पर सरकार का विरोध किया है. हम बस ये कह रहे हैं कि केंद्र सरकार रवैया गैर-जिम्मेदाराना है, सरकार को इस मामले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. हम कोई विरोध नहीं कर रहे हैं, हम बस सुझाव दे रहे हैं. आनंद शर्मा बोले कि आज के समय में विरोध करना देशद्रोह हो गया है, सरदार पटेल ने गांधी जी की हत्या के बाद RSS पर बैन लगा दिया है. उन्होंने कहा कि मोदी की तुलना नेहरू से करना बेमानी है, नेहरू अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में लड़े और जेल गए. लेकिन पीएम मोदी ने कुछ नहीं किया, उनकी विचारधाराओं ने भी आजादी में कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि हमें इस बात का कोई श्रेय नहीं लेना है, पीएम मोदी को ही श्रेय लेने दीजिए. हम कह रहे हैं कि कोई नए रिवाज ना बनाए जाएं, 25 साल, 50 साल, 75 साल होने पर ही ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर आज उन्हें छींक भी आ जाती है तो वो ऐतिहासिक हो जाता है. वो जो भी करते हैं सब ऐतिहासिक बन जाता है. आनंद शर्मा ने कहा कि हमने अपनी सभी शंकाओं को सरकार के सामने रखा था, सरकार को व्यापारियों की ट्रेनिंग करनी चाहिए था. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का समर्थन करना उनका निर्णय है, पीएम मोदी और नीतीश कुमार ने कई बार एक दूसरे की आरती उतारी है. हम लोग एंटी मोदी फ्रंट नहीं बना रहे हैं, हमारी लड़ाई बीजेपी और आरएसएस से है सिर्फ मोदी से नहीं है. गोरक्षकों पर पीएम मोदी के बयान पर कहा कि मोदी इतने दिनों से चुप क्यों थे, इससे देश की छवि को नुकसान पहुंचा है. पीएम काफी मजबूत हैं, कई लोगों पर आधी रात में रेड डलवा देते हैं, लेकिन वो गोरक्षकों के मुद्दे पर कुछ नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को हर चीज एक इवेंट लगती है, बस किसी तरह फोटो खिंचवा लो. अगर केंद्रीय कक्ष के अलावा कहीं पर कार्यक्रम होता और बुलाते तो हम जरूर जाते.कि प्रधानमंत्री को हर चीज एक इवेंट लगती है, बस किसी तरह फोटो खिंचवा लो. अगर केंद्रीय कक्ष के अलावा कहीं पर कार्यक्रम होता और बुलाते तो हम जरूर जाते.





केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू से खास बात : (एंकर - राजदीप सरदेसाई)
 आज तक के जीएसटी स्पेशल कॉन्क्लेव में केंद्रीय मंत्री वेकैंया नायडू कार्यक्रम में पहले वक्ता रहे. नायडू बोले कि जीएसटी एक देश एक कर के सपने को पूरा करेगा. नायडू ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर बिना मतलब के विरोध कर रही है. जीएसटी को लागू करने में केंद्र सरकार ने सभी नियमों का पालन किया है, उसके बाद सभी पार्टियों की सर्वसम्मति के साथ इसे पास किया गया है. 


सभी पार्टियों ने एक साथ लोकसभा और राज्यसभा में इसे पास किया है. नायडू ने कहा कि संसद में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह हमारा आइडिया है. तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता ने भी इसका समर्थन किया था. कांग्रेस जीएसटी का विरोध नहीं कर रही है,

 वो इस स्पेशल का विरोध कर रही है. वेंकैया नायडू ने कहा कि ये सरकार पीएम मोदी के रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के लक्ष्य पर चल रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बात को अब तक नहीं पचा पाई है कि नरेंद्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं. हमनें इस कार्यक्रम में देश के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी बुलाया है, सभी पार्टियों को बुलाया है.

 नायडू ने कहा कि देश के लोगों ने इस मुद्दे पर सरकार का साथ दिया है, कांग्रेस का इस तरह का विरोध करना दुर्भाग्यपूर्ण है. पीएम मोदी ने हर मौके पर सभी पार्टियों को जीएसटी का क्रेडिट दिया है. नायडू ने कहा कि जब हम विपक्ष में थे, हमनें कुछ मुद्दों पर इसका विरोध किया था. जब हम सरकार में आए हैं हमने राज्यों की हर शिकायत को सुना है और उसे दूर किया है. इसलिए आज यह लागू किया जा रहा है. 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं सभी पार्टियों से अपील करता हूं कि अब वे इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनें. नायडू ने कहा कि रेरा और जीएसटी के कारण नया घर लेने वालों को काफी हद तक फायदा मिलेगा, उन्होंने कहा कि अगर इस मुद्दे में कोई कमी भी रह जाएगी तो आगे जाकर उसे भी सुलझाया जाएगा. उन्होंने कहा कि GST लागू होने से घरों के दाम घटेंगे.
 वेंकैया नायडू ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अभी भी लैंड से जुड़े मुद्दे राज्य सरकार के अंतर्गत आते हैं, अगर नोएडा, गाजियाबाद जैसे एनसीआर में कोई मामला सामने आता है तो वह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस बारे में बात करेंगे.

 उन्होंने कहा कि आगे जाकर हर चीज को हम ऑनलाइन करने जा रहे हैं, जिससे लोगों को काफी सहायता मिलेगी. नायडू ने कहा कि ये जीएसटी तीन सरकारों की मेहनत से आया है, इसमें कई टैक्स स्लैब को लागू किया गया है. रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने पर उन्होंने कहा कि हमने सभी पार्टियों से बात की, हमें पूरी उम्मीद है कि रामनाथ कोविंद ही देश के अगले राष्ट्रपति हो 

 नायडू ने कहा है कि देश में सिर्फ एक पार्टी का ही राज नहीं है, कई जगह विपक्षी पार्टियां भी सत्ता में हैं. कई विपक्षी पार्टियां जीएसटी पर हमारे साथ हैं.























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