बड़ी खबर : बंद होने जा रहे हैं कई बड़े बैंक, अगर आपका ही है इन बैंकों में अकाउंट तो…
आजकल की ज़िन्दगी में शायद ही ऐसा कोई शख्स हो जिसका बैंक अकाउंट न हो और सही भी है बैंक अकाउंट किसी भी इंसान को सहुलियत भी तो इतनी देते हैं, लेकिन आज हम आप के लिए आपके इसी बैंक अकाउंट से जुड़ी एक ऐसी खबर लेकर आए है जिसे पढ़कर आप चौंक जाएंग.
आपको बता दें अब देश में केवल 12 सरकारी बैंक रह जाएंगे और बाकी बैंक इन्हीं में समा जाएंगे, आपको बता दें कुछ समय पहले भारतीय स्टेट बैंक ने अपने 5 सहयोगी बैंकों का विलय किया था और यह काफी कामयाब रहा है. इसी के तर्ज पर एक बार फिर बैंकों में विलय होने वाली है.
आपको बता दें पहले फेस में 21 मौजूदा सरकारी बैंकों की संख्या घटाकर 12 करने की सोच के साथ आगे बढ़ा जा रहा है, साथ ही पहले चरण में यह भी देखा जाएगा कि एक ही तरह की तकनीकी (आइटी इंफ्रास्ट्रक्चर) इस्तेमाल करने वाले बैंकों के विलय की राह खोली जाये. इस तरीके से बैंकों में विलय करने में कोई परेशानी नहीं होगी साथ ही इससे बैंक को आपस में जोड़ने की प्रक्रिया जल्द पूरी होगी. सरकार का कहना है कि देश में केवल 5 या 6 बैंकों की जरूरत है.
बता दें केंद्र सरकार 3-4 ग्लोबल लेवल के बड़े बैंक तैयार करने के लिए कंसॉलिडेशन (एकीकरण) के एजेंडे पर तेजी से काम कर रही है. इस बात को खुलासा खुद एक सरकारी अफसर ने किया है. ऑफिसर के अनुसार मध्यम अवधि में 21 सरकारी बैंकों को कंसॉलिडेट करके 10-12 बैंक बनाए जाएंगे.
आजकल की ज़िन्दगी में शायद ही ऐसा कोई शख्स हो जिसका बैंक अकाउंट न हो और सही भी है बैंक अकाउंट किसी भी इंसान को सहुलियत भी तो इतनी देते हैं, लेकिन आज हम आप के लिए आपके इसी बैंक अकाउंट से जुड़ी एक ऐसी खबर लेकर आए है जिसे पढ़कर आप चौंक जाएंग.
आपको बता दें अब देश में केवल 12 सरकारी बैंक रह जाएंगे और बाकी बैंक इन्हीं में समा जाएंगे, आपको बता दें कुछ समय पहले भारतीय स्टेट बैंक ने अपने 5 सहयोगी बैंकों का विलय किया था और यह काफी कामयाब रहा है. इसी के तर्ज पर एक बार फिर बैंकों में विलय होने वाली है.
आपको बता दें पहले फेस में 21 मौजूदा सरकारी बैंकों की संख्या घटाकर 12 करने की सोच के साथ आगे बढ़ा जा रहा है, साथ ही पहले चरण में यह भी देखा जाएगा कि एक ही तरह की तकनीकी (आइटी इंफ्रास्ट्रक्चर) इस्तेमाल करने वाले बैंकों के विलय की राह खोली जाये. इस तरीके से बैंकों में विलय करने में कोई परेशानी नहीं होगी साथ ही इससे बैंक को आपस में जोड़ने की प्रक्रिया जल्द पूरी होगी. सरकार का कहना है कि देश में केवल 5 या 6 बैंकों की जरूरत है.
बता दें केंद्र सरकार 3-4 ग्लोबल लेवल के बड़े बैंक तैयार करने के लिए कंसॉलिडेशन (एकीकरण) के एजेंडे पर तेजी से काम कर रही है. इस बात को खुलासा खुद एक सरकारी अफसर ने किया है. ऑफिसर के अनुसार मध्यम अवधि में 21 सरकारी बैंकों को कंसॉलिडेट करके 10-12 बैंक बनाए जाएंगे.
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