चीन ने भेज डाला भारतीय सेना के लिए ये सन्देश, जिसे सुनते ही हर भारतीय दिल आग पकड़ लेगा…
जून की 16 तारीख को चीन ने सीमा बदलाव का प्रयास कियाl भूटान ने विरोध किया और फिर भारत को इसमें दखल देना पड़ाl भारत के इस दखल से चीन नाराज हो गया और अपनी सेना की धमक से भारत को डराने का प्रयास करता चला आ रहा हैl चीनी मीडिया भी इस मामले में आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए हैंl ग्लोबल टाइम्स के नए संपादकीय ने भारत को फिर कई कड़े संदेश दिएl चीन के इस मीडिया संस्थान ने भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर चल रहे गतिरोध पर साफ कहा है कि, ‘भारत किसी प्रकार के संशय में न रहे, भारत को अपनी सेना हटानी ही होगी और तभी कोई बातचीत संभव हैl’
इसके साथ ही चीनी संपादकीय ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को “मुख्य योजनाकार” बताया गया है। आपको बता दें कि अजीत डोभाल 27 जुलाई को दो दिवसीय दौरे पर चीन पहुंचेगे। डोभाल ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं। और डोभाल से अब चीन पहले ही डर गया हैl वे नहीं चाहते कि ब्रिक्स बैठक में वे डोभाल का सामना कर इस क्षेत्र में कुछ चर्चा करेंl तभी…
तभी चीन डोभाल को इस पूरे गतिरोध के लिए जिम्मेदार बता रहा है और तभी डोभाल के बारे में तरह तरह की बातें कह रहा हैl चीन के सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने प्रकाशित अपने संपादकीय में लिखा, “मौजूदा सीमा विवाद के पीछे मुख्य षड्यंत्रकारियों में डोभाल को शामिल माना जा सकता है. बीजिंग दौरे के दौरान अगर डोभाल सीमा विवाद पर बीजिंग से चर्चा करने की कोशिश करेंगे, तो निश्चित तौर पर उन्हें निराशा हाथ लगेगी.”
डोकलाम में जारी गतिरोध पर भी चीन ने कहा कि भारतीय मीडिया यह उम्मीद लगाए बैठा है और यह माहौल बना रहा है कि जब अजित डोभाल ब्रिक्स देशों के एनएसए की बैठक में शामिल होने बीजिंग आएंगे तब इस गतिरोध का हल निकल जाएगाl ग्लोबल टाइम्स, जो चीन की सत्ताधारी पार्टी का अखबार है, ने साफ कहा कि वे ऐसा कुछ होने नहीं देंगेl ये भी कहा गया कि सम्मेलन में चीन और भारत के आपसी मुद्दों पर चर्चा नहीं होगीl
आपको बता दें कि चीन में मीडिया आजाद नहीं हैं। मीडिया पर सरकार का पूरी तरह नियंत्रण है। जून पहले हफ्ते से चीन द्वारा भूटान के डोकलाम में सड़क निर्माण के प्रयास को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच चीनी मीडिया भारत के खिलाफ लगातार भडकाऊ बयान छाप रही है।
चीनी मीडिया बार-बार भारत को युद्ध की धमकी दे रहा है। मंगलवार को भी ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा कि “भारत किसी भ्रम में न रहे।” सोमवार (24 जुलाई) को चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि चीन की, ‘सेना को हिलाना पहाड़ को हिलाने से भी मुश्किल है।’
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अगर डोकलाम में भारतीय सैनिक पीछे नहीं हटे तो चीनी सेना को आगे बढ़ने का फैसला लेना पड़ेगा। चीन ने कहा कि “जब तक भारत डोकलाम में अपने सैनिक पीछे नहीं हटाएगा तब तक दोनों देशों के बीच सार्थक बातचीत संभव नहीं है।”
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अगर डोकलाम में भारतीय सैनिक पीछे नहीं हटे तो चीनी सेना को आगे बढ़ने का फैसला लेना पड़ेगा। चीन ने कहा कि “जब तक भारत डोकलाम में अपने सैनिक पीछे नहीं हटाएगा तब तक दोनों देशों के बीच सार्थक बातचीत संभव नहीं है।”
जून की 16 तारीख को चीन ने सीमा बदलाव का प्रयास कियाl भूटान ने विरोध किया और फिर भारत को इसमें दखल देना पड़ाl भारत के इस दखल से चीन नाराज हो गया और अपनी सेना की धमक से भारत को डराने का प्रयास करता चला आ रहा हैl चीनी मीडिया भी इस मामले में आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए हैंl ग्लोबल टाइम्स के नए संपादकीय ने भारत को फिर कई कड़े संदेश दिएl चीन के इस मीडिया संस्थान ने भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर चल रहे गतिरोध पर साफ कहा है कि, ‘भारत किसी प्रकार के संशय में न रहे, भारत को अपनी सेना हटानी ही होगी और तभी कोई बातचीत संभव हैl’
इसके साथ ही चीनी संपादकीय ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को “मुख्य योजनाकार” बताया गया है। आपको बता दें कि अजीत डोभाल 27 जुलाई को दो दिवसीय दौरे पर चीन पहुंचेगे। डोभाल ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं। और डोभाल से अब चीन पहले ही डर गया हैl वे नहीं चाहते कि ब्रिक्स बैठक में वे डोभाल का सामना कर इस क्षेत्र में कुछ चर्चा करेंl तभी…
तभी चीन डोभाल को इस पूरे गतिरोध के लिए जिम्मेदार बता रहा है और तभी डोभाल के बारे में तरह तरह की बातें कह रहा हैl चीन के सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने प्रकाशित अपने संपादकीय में लिखा, “मौजूदा सीमा विवाद के पीछे मुख्य षड्यंत्रकारियों में डोभाल को शामिल माना जा सकता है. बीजिंग दौरे के दौरान अगर डोभाल सीमा विवाद पर बीजिंग से चर्चा करने की कोशिश करेंगे, तो निश्चित तौर पर उन्हें निराशा हाथ लगेगी.”
डोकलाम में जारी गतिरोध पर भी चीन ने कहा कि भारतीय मीडिया यह उम्मीद लगाए बैठा है और यह माहौल बना रहा है कि जब अजित डोभाल ब्रिक्स देशों के एनएसए की बैठक में शामिल होने बीजिंग आएंगे तब इस गतिरोध का हल निकल जाएगाl ग्लोबल टाइम्स, जो चीन की सत्ताधारी पार्टी का अखबार है, ने साफ कहा कि वे ऐसा कुछ होने नहीं देंगेl ये भी कहा गया कि सम्मेलन में चीन और भारत के आपसी मुद्दों पर चर्चा नहीं होगीl
आपको बता दें कि चीन में मीडिया आजाद नहीं हैं। मीडिया पर सरकार का पूरी तरह नियंत्रण है। जून पहले हफ्ते से चीन द्वारा भूटान के डोकलाम में सड़क निर्माण के प्रयास को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच चीनी मीडिया भारत के खिलाफ लगातार भडकाऊ बयान छाप रही है।
चीनी मीडिया बार-बार भारत को युद्ध की धमकी दे रहा है। मंगलवार को भी ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा कि “भारत किसी भ्रम में न रहे।” सोमवार (24 जुलाई) को चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि चीन की, ‘सेना को हिलाना पहाड़ को हिलाने से भी मुश्किल है।’
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अगर डोकलाम में भारतीय सैनिक पीछे नहीं हटे तो चीनी सेना को आगे बढ़ने का फैसला लेना पड़ेगा। चीन ने कहा कि “जब तक भारत डोकलाम में अपने सैनिक पीछे नहीं हटाएगा तब तक दोनों देशों के बीच सार्थक बातचीत संभव नहीं है।”
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अगर डोकलाम में भारतीय सैनिक पीछे नहीं हटे तो चीनी सेना को आगे बढ़ने का फैसला लेना पड़ेगा। चीन ने कहा कि “जब तक भारत डोकलाम में अपने सैनिक पीछे नहीं हटाएगा तब तक दोनों देशों के बीच सार्थक बातचीत संभव नहीं है।”
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